नई दिल्ली. खेल के मैदान पर सभी खिलाड़ी जीत हासिल करने के ईरादे से मैदान पर उतरते हैं, लेकिन कभी कभी जीतने की ये ललक उनके दिमाग पर इतनी हावी हो जाती है कि वो कुछ ऐसा कर बैठते हैं, जो खेल के नियमों के खिलाफ होता है. क्रिकेट को जैन्टलमैन्स गेम कहा जाता है, लेकिन इस खेल के इतिहास में कुछ ऐसी घटनाएं भी हुई हैं, जब इस खेल को खेलने वाले खिलाड़ियों ने कुछ ऐसा किया है, जिसकी वजह से उन्हें शर्मसार होना पड़ा है. आज हम आपको कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे है, जिन्होंने बीच मैदान पर गेंद से छेड़छाड़ की हरकतों को अंजाम दिया.


स्टीव स्मिथ, वॉर्नर और कैमरोन बैनक्रॉफ्ट- दक्षिण अफ्रीका बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2018


2018 में ऑस्ट्रेलिया की टीम द. अफ्रीका के दौरे पर थी. टेस्ट सीरीज़ का तीसरा टेस्ट मैच केपटाउन के न्यूलैंड्स में खेले जा था. इस टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने बॉल टैम्परिंग की घटना को अंजाम दिया. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की इस हरकत पर पूरी दुनिया में इनकी जमकर आलोचना हुई. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ ने तुरंत ही एक प्रेस कांफ्रेस की और इसके दौरान उन्होंने यह बात स्वीकार की कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सीरीज के तीसरे और निर्णायक टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका को धोखा देने का प्लान बनाया था. इस घटना के बाद स्टीव पर 100 फ़ीसदी मैच जुर्माने के साथ-साथ एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया हैं, जबकि बैनक्रॉफ्ट को मैच फ़ीस का 75 फ़ीसदी जुर्माना देना होगा.


फाफ डू प्लेसिस- दक्षिण अफ्रीका बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2016


ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गये मैचो के दौरान पिछले 5 वर्षो में 3 बार बॉल टेम्परिंग के घटना देखने को मिली हैं. जिसमे कप्तान फाफ डू प्लेसिस भी शामिल हैं. इस टेस्ट के दौरान फाफ ड्यू प्लेसिस की एक वीडियो में यह पता था कि ड्यू प्लेसिस के मुंह में कोई मीठी चीज है और वह उसका सलाइवा गेंद पर लगा रहे हैं. इस घटना के बाद आईसीसी ने उन्हें बॉल टेम्परिंग का दोषी मानते हुये मैच फ़ीस का 100 फ़ीसदी जुर्माना लगाया था.


शाहिद अफरीदी- आस्ट्रेलिया बनाम पाकिस्तान, 2010


आस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच साल 2010 में खेली गई एक वनडे सीरीज के मैच के दौरान शाहिद अफरीदी को गेंद से छेड़छाड करते हुए पकड़ा गया था. अपने धांसू खेल के लिए मशहूर शाहिद अफरीदी को आईसीसी (इंटरनेशलन क्रिकेट कांउसिल) की आचार संहिता के 2.2.9 के अपराध का दोषी पाया गया था. इस मैच में अफरीदी मोहम्मद यूसुफ की गैरमौजूदगी में पाकिस्तान टीम की कमान संभाल रहे थे. टीवी कैमरों में शाहिद अफरीदी को मुंह से गेंद को काटते हुए दिखाई दे रहे थे. इसके बाद टीवी अंपायर ने ऑन फील्ड अंपायरों को इस घटना की जानकारी दी और फिर बाद में ऑन फील्ड अंपायरों ने गेंद को बदल दिया था. शाहिद अफरीदी ने अपनी इस हरकत पर पछतावा जताते हुए माफी भी मांगी थी, लेकिन आईसीसी ने अफरीदी पर 2 टी-20 मैचों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. इस घटना के कुछ समय बाद शाहिद अफरीदी ने यह स्वीकारा भी था कि उन्होंने गेंद के साथ छेड़छाड़ की थी.


वकार युनूस- पाकिस्तान बनाम दक्षिण अफ्रीका, 2000


पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी वकार युनूस बॉल टेंपरिंग के कारण सजा पाने वाले पहले खिलाड़ी थे. सन 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जब पाकिस्तान की टीम वन डे मैच खेल रही थी तो वकार युनूस को गेंद की सीम के साथ छेड़छाड़ का दोषी पाया गया था. इसके बाद उन पर आइसीसी ने एक मैच के लिए बैन लगा दिया था.


70 के दशक में हुई बॉल टेंपरिंग!


बॉल टेंपरिंग के मामले में भले ही सजा पाने वाले पहले खिलाड़ी वकार युनूस रहे हों, लेकिन गेंद से छेड़छाड़ करने का पहला आरोप सत्तर के दशक में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जॉन लीवर पर लगा था. उस समय भारतीय टीम के कप्तान बिशनसिंह बेदी थे. उन्होंने जॉन लीवर पर बॉल पर वैसलीन लगाने का आरोप लगाया था. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल अथर्टन ने भी जेब में रखी मिट्टी से गेंद के साथ छेड़छाड़ की थी. बहरहाल यह विवाद गाहे-बगाहे क्रिकेट को अपनी चपेट में लेता रहा है.