First Wimbledon Story: टेनिस के चार सबसे बड़े और प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में से एक विंबलडन (Wimbledon) की कहानी आज से 145 साल पहले एक इश्तेहार के साथ शुरू होती है. यह एक तरह से इश्तेहार कम बल्कि एक एलान ज्यादा था. उस दौर की एक मैगजीन 'लेशर' में 9 जून 1877 के अंक में एलान किया गया कि 'दी ऑल इंग्लैंड क्रॉक्वेट एंड लॉन टेनिस क्लब 9 जुलाई से एक लॉन टेनिस मीटिंग आयोजित करने जा रहा है, जिसमें सभी इच्छुक हिस्सा ले सकते हैं.'
'दी ऑल इंग्लैंड क्लब' को 1869 में क्रॉक्वेट (एक तरह का स्पोर्ट) के उद्देश्य से बनाया गया था. इसके लिए लंदन के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में बसे शहर विंबलडन के वर्पल रोड पर 4 एकड़ घास के मैदान को किराए से लिया गया था. कुछ समय तक तो यह क्रॉक्वेट में ही उपयोग होता रहा लेकिन धीरे-धीरे लॉन टेनिस का क्रेज बढ़ता गया और इस मैदान पर क्रॉक्वेट की जगह लॉन टेनिस ज्यादा खेला जाने लगा. इसी को देखते हुए इसका नाम 'दी ऑल इंग्लैंड क्रॉक्वेट एंड लॉन टेनिस क्लब' कर दिया गया. लॉन टेनिस का क्रेज देखते हुए ही क्लब के सदस्यों ने लॉन टेनिस मीटिंग आयोजित करने की योजना बनाई थी.
यहां लॉन टेनिस की मीटिंग से मतलब टूर्नामेंट से ही था. कुल 22 पुरुषों ने इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया. यहां महिलाओं को खेलने की अनुमति नहीं थी. 11 शिलिंग पाउंड की एंट्री फीस रखी हुई थी जो उस समय के हिसाब से ज्यादा नहीं थी. सबसे खास बात यह कि इसमें शामिल होने वाले खिलाड़ी अपना रैकेट खुद लेकर आते थे. एक और अहम चेतावनी यह थी कि खिलाड़ियों को बिना हील वाले शूज में ही लॉन में घुसने की अनुमति थी.
टूर्नामेंट के लिए गेंद क्लब के गार्डनर की ओर से ही दी जाती थी. इन गेंदों पर बाहरी कवर फलानेल का था, जो कि हाथ से सिला हुआ था. रैकेट आकार और वजन में काफी हद तक स्नोशूज के समान थे. मैच देखने के लिए तीन स्तर वाल स्टैंड था, जहां 30 लोग आराम से बैठ सकते थे. ज्यादा दर्शक होने पर मैच को खड़े-खड़े देखना पड़ता था. जब यहां पहले विंबलडन का फाइनल मुकाबला खेला गया तो कुल 200 दर्शक मौजूद थे.
1877 को हुए इस पहले विंबलडन में सिर्फ पुरुष सिंगल्स मैच हुए थे. 22 खिलाड़ियों में से स्पेंसर विलियम गौर और विलियम मार्शल ने फाइनल में जगह बनाई थी. दोनों के बीच हुए फाइनल मुकाबले में 27 साल के स्पेंसर ने मार्शल को 6-1, 6-2, 6-4 से शिकस्त देकर पहली विंबलडन ट्रॉफी अपने नाम की थी.
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