Tie Breaker Rule: भारत साल 2023 में एक और बड़े टूर्नामेंट के आयोजन की तैयारी कर रहा है. नए वर्ष में ओडिशा पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगी. हॉकी का यह सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट 13 जनवरी से लेकर 29 जनवरी के दरम्यान ओडिशा के भुवनेश्वर और राउरकेला में खेला जाएगा. इस टूर्नामेंट में भारत समेत दुनिया की शीर्ष 16 टीमें भाग लेंगी. सभी टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है. हॉकी वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज मैचों में टाई ब्रेकर नियम भी टीमों के लिए अहम भूमिका निभा सकता है. आइए हम आपको टाई ब्रेकर रूल के बारे में बताते हैं. 


चार ग्रुप में बंटी हैं टीमें


हॉकी वर्ल्ड कप में भाग लेने वाली सभी टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है. प्रत्येक ग्रुप में 4-4 टीमें शामिल हैं. भारत पूल डी में है जिसमें दूसरी टीमें वेल्स, स्पेन और इंग्लैंड हैं. इनमें से अपने ग्रुप में शीर्ष पर रहने वाली टीमें क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई करेंगी.


पूल ए: ऑस्ट्रे्लिया, साउथ अफ्रीका, फ्रांस, अर्जेंटीना


पूल बी:  बेलिज्यम, जापान, कोरिया, जर्मनी


पूल सी: नीदरलैंड्स, चिली, मलेशिया, न्यूजीलैंड


पूल डी: भारत, वेल्स, स्पेन, इंग्लैंड 


क्या है टाई-ब्रेकर नियम?


प्रत्येक समूह में शीर्ष पर रहने वाली टीम अपने आप क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई करेगी. पूल स्टेज में प्रत्येक जीत पर हर टीम को 2 अंक दिए जाएंगे. अगर मैच ड्रॉ रहता है तो दोनों टीमों को एक-एक अंक दिया जाएगा. इसके अलावा अगर दो टीमों के टेबल पॉइंट्स में अंक समान हैं तो टाई-ब्रेकर नियम के जरिए ग्रुप स्टेज में टीमों की रैंकिंग का निर्धारण किया जाएगा. 


टाई-ब्रेकर को ऐसे समझते हैं


यदि दोनों टीमों के समान अंक हैं तो ग्रुप में सबसे अधिक जीत दर्ज करने वाली टीम उच्च रैंक प्राप्त करेगी. यदि दोनों टीमों द्वारा हासिल किए गए अंक और मैचों की संख्या समान है तो ऐसे में गोल अंतर और गोल खाने के अंतर को देखा जाएगा. जिसका गोल अंतर बेहतर होगा उस टीम को उच्च रैंक हासिल होगी. अगर इस स्थिति ये सब समान है तो सबसे ज्यादा गोल करने वाली टीम उच्च रैंक प्राप्त करेगी. अगर गोल की संख्या भी दोनों टीमों की बराबर है तो दोनों टीमों के बीच खेले गए मैचों के रिजल्ट के आधार पर टीम को उच्च रैंक दी जाएगी. 


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