Hockey World Cup 2023: रविवार की शाम भारत के हॉकी फैंस के लिए बेहद दुख भरी रही. 48 साल से वर्ल्ड कप खिताब नाम करने का इंतजार अब और लंबा हो गया है. बेहद ही कांटे के मुकाबले में भारत को न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा. इस हार के साथ भारत का अपने ही घर में खेले जा रहे वर्ल्ड कप में सफर समाप्त हो गया. सबसे बड़ी निराशा यह रही कि भारतीय टीम अपने घर में खेलने के बावजूद क्वार्टर फाइनल में भी जगह नहीं बना पाई. भारत की हार की असल वजह पेनल्टी कॉर्नर को नहीं भुना पाना रही.


टोक्यो ओलपिंक में जब भारतीय टीम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था तो फैंस के भीतर हॉकी के सुनहरे दिन वापस लौटने की उम्मीद जाग गई थी. फैंस को वही प्रदर्शन दोहराने की उम्मीद वर्ल्ड कप में भी थी. दरअसल, टोक्यो ओलंपिक में भारत की कामयाबी की असल वजह पेनल्टी कॉर्नर को भुनाना ही थी. टोक्यो ओलंपिक में भारत को 31 पेनल्टी कॉर्नर मिले थी जिनमें से 10 को वो गोल में तब्दील करने में कामयाब रहा था.


लेकिन अपने ही घर में खेले जा रहे वर्ल्ड कप में भारत उस कामयाबी को दोहराने से चूक गया. भारत को वर्ल्ड कप के दौरान 26 पेनल्टी कॉर्नर मिले और इनमें से महज 5 को ही वो गोल में बदलने में कामयाब रहा.


वर्ल्ड कप में खत्म हुआ सफर


न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए क्रासओवर मैच में भी पेनल्टी कार्नर को नहीं भुना पाना ही टीम इंडिया पर भारी पड़ा. मैच के 22वें से 24वें मिनट के अंदर भारत को चार कार्नर मिले. लेकिन सिर्फ एक बार ही भारतीय खिलाड़ी गोलकीपर को मात दे पाए. भारत ने पूरे मैच के दौरान कुल 10 पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए. बावजूद इसके निर्धारित समय में स्कोर 3-3 से बराबरी पर ही रहा. 


मैच के 52वें मिनट में भारत के पास पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर बढ़त बनाने का मौका था. हालांकि वहां भी भारतीय खिलाड़ी चूक गए. भारतीय खिलाड़ियों की यह चूक इतनी भारी पड़ी कि वर्ल्ड कप में उसके सफर का ही अंत हो गया.


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