भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि उससे बढ़कर है. ये एक धर्म ही नहीं बल्कि सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाला स्पोर्ट है. इस खेल में जिस खिलाड़ी का करियर बनता है वो बुलंदियों पर होता है. भारत में जिस बच्चे को क्रिकेट पसंद है और जो क्रिकेटर बनना चाहता है उसका एक ही सपना होता है कि वो एक दिन जरूर टीम इंडिया की नीली जर्सी पहने. लेकिन नीली जर्सी पहनने तक के सफर में न जाने कितनी परेशानियां आती है. ऐसे में अगर आप अपने बच्चे को क्रिकेटर बनाना चाहते हैं और आपके पास गाइडेंस और अनुभव की कमी है तो ये रिपोर्ट आपके लिए है. हम आज आपको कुछ आसान स्टेप्स में ये बताने जा रहे हैं कि आप अपने बच्चे को कैसे एक शानदार क्रिकेटर बना सकते हैं.
उम्र और रोल
अपने बच्चे की उम्र और उसे क्या पसंद है ये आपको पता होना चाहिए. क्योंकि क्रिकेट अंडर 12 से लेकर 22 तक खेला जाता है और आपका बच्चा 8 से 9 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर सकता है. जो खिलाड़ी बचपन से क्रिकेट खेलता है वो शानदार खिलाड़ी बनता है और इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली.
क्रिकेट में चार अहम खिलाड़ी होते हैं. बल्लेबाज, गेंदबाज, विकेटकीपर और ऑल राउंडर. ऐसे में आप अपने बच्चे पर पहले गौर फरमाएं और उससे पूछे कि उसे क्या पसंद है और वो क्या बनना चाहता है.
एक अच्छी क्रिकेट अकादमी
कहते हैं न कि शिक्षा अगर अच्छी चाहिए तो स्कूल टॉप का होना चाहिए. ठीक यही बात क्रिकेट में भी लागू होती है. आपके बच्चे को क्रिकेट सीखने के लिए एक अच्छे क्रिकेट अकादमी की जरूरत होती है. इस दौरान उसे अच्छे कोच और शानदार माहौल की सख्त जरूरत होती है.
इसलिए अपने आसपास जाएं और उस एक अच्छे क्रिकेट अकादमी की तलाश करें. इसके लिए आप इन प्वाइंट्स को जरूर ध्यान में रखें.
1. उस अकादमी से कितने खिलाड़ी फिलहाल खेल रहे हैं. डोमेस्टिक या इंटरनेशनल.
2. कोच का बैकग्राउंड
3. वर्तमान के खिलाड़ियों का कोच के प्रति रिव्यू.
बैलेंस डायट और वर्कआउट
आजकल क्रिकेट सिर्फ गेंदबाजी, बल्लेबाजी का ही खेल नहीं रह गया है बल्कि यहां आपको अपना फिटनेस भी साबित करना पड़ता है. और इसके बेस्ट उदाहरण हैं खुद कप्तान कोहली. विराट ने अपनी फिटनेस के दम पर दुनिया जीत ली है. वो आज दुनिया के सबसे फिट क्रिकेटर हैं. ऐसे में एक टेस्ट मैच 5 दिनों तक चलता है. डे नाइट मैच होते हैं. ट्रैवल कर फिर मैच खेलना होता है. अगर आप चाहते हैं कि आपको बच्चा बचपन से लेकर 30 साल की उम्र तक फिट रहे तो उसे अभी से ही एक अच्छी डायट पर रखें और एक्सरसाइज करवाएं. उसे हमेशा फिटनेस की तरफ फोकस रखें और जंक फूड से दूर रखें.
पहला पड़ाव- डिस्ट्रिक्ट टीम में सेलेक्शन
डिस्ट्रिक्ट टीम में जानें के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी क्योंकि आपके साथ और भी कई खिलाड़ी होंगे. ऐसे में आपके साथ ऐसा हो सकता है कि साथी खिलाड़ी के पास आपसे ज्यादा अनुभव हो. ट्रायल्स में चुनें जाने पर आपको प्लेइंग 11 में जगह बनाना होगा. यहां आपको टीम में अपनी जगह बनाने और बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.
दूसरा पड़ाव- स्टेट टीम सेलेक्शन
डिस्ट्रिक्ट टीम में चुनें जाने के बाद आपको बेहतरीन प्रदर्शन कर सेलेक्टर्स की नजरों में आना होगा. ऐसे में आपको प्लेइंग 11 में शामिल होना होगा. इसके बाद आप ट्रायल्स में भी जा सकते हैं जो हर तीन महीने में एक बार होता है.
इसके अलावा आपको मशहूर नेशनल टूर्नामेंट्स जैसे रणजी ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी, विजय हजारे और दूसरे अहम टूर्नामेंट्स खेलने होंगे और उसमें अपना नाम बनाना होगा. यहां आपको सरकारी नौकरी भी मिल सकती है.
तीसरा पड़ाव- IPL
क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा लीग. इस प्लेटफॉर्म पर छोटा से छोटा खिलाड़ी भी एक रात में स्टार बन जाता है. लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए आपको इससे पहले वाले पड़ाव में प्रदर्शन करना होगा. नए खिलाड़ी के रूप में आपको भले ही पैसे न मिले लेकिन इस टूर्नामेंट पर सबकी नजर होती है. जैसे की हार्दिक पंड्या ने एक भी नेशनल लेवल का मैच नहीं खेला और सीधे मुंबई इंडियंस में चले गए.
अंतिम पड़ाव- टीम इंडिया
भारतीय टीम में जाने से पहले आपको इंडिया ए में लगातार खेलना होगा. इसके लिए आपको विदेशी धरती पर जाकर टेस्ट देना होगा और लगातार रन बनाने होंगे. इंडिया ए में भारत के सबसे बेहतरीन क्रिकेटर्स होते हैं जो सिर्फ उस एक मौके की तलाश में होते हैं जिससे वो सीनियर टीम में पहुंच जाए. यहां अगर आपने बेहतरीन प्रदर्शन किया तो अंत में आपके पास नीली जर्सी आ ही जाएगी और फिर वो दिन भी आ जाएगा जब उसे पहनकर आप टीम इंडिया के लिए हजारों फैंस के सामने अपना पहला मैच खेलेंगे.