नई दिल्ली: पूर्व भारतीय बल्लेबाज और कमेंटेटर संजय मांजरेकर को बीसीसीआई द्वारा कमेंट्री पैनल से हटाए जाने के बाद उन्होंने अब अपना बयान दिया है. एक ट्वीट में मांजरेकर ने कहा कि वो बीसीसीआई के इस फैसले को स्वीकार करते हैं. मांजरेकर ने कहा कि वो अपने इस काम को एक महान विशेषाधिकार की तरह लेते थे और अंत में मुझे इस नौकरी में रखने वाले जो चाहेंगे वो मुझे स्वीकार है.
बता दें कि मांजरेकर हाल में कमेंट्री के दौरान अपने कुछ विचारों से विवादों में फंस गए और दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला के लिए उन्हें बीसीसीआई के कमेंट्री पैनल से हटा दिया गया. इसी वजह से भारत और साउथ अफ्रीका के बीच धर्मशाला में होने वाले पहले वनडे मैच के दौरान संजय मांजरेकर वहां मौजूद नहीं थे.
मांजरेकर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि मैंने हमेशा ही कमेंट्री को सम्मान माना है लेकिन कभी मैंने खुद को इसका हकदार नहीं माना. इस 54 साल के पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि यह मेरे नियोक्ता पर निर्भर है कि वे मुझे इस काम के लिए चुनते हैं या नहीं और मैं हमेशा ही इसका सम्मान करूंगा. शायद पिछले कुछ समय से बीसीसीआई मेरे काम से खुश नहीं था. बतौर पेशेवर मैं इसे स्वीकार करता हूं.
बता दें कि पिछले साल ही आईसीसी वर्ल्ड कप के दौरान मांजरेकर ऑल राउंडर रवींद्र जडेजा के साथ हुए विवाद के कारण चर्चा में आए थे.
उन्होंने जडेजा को 'टुकड़ों वाला क्रिकेटर' कह दिया था. इस पर जडेजा ने भी मांजेकर पर पलटवार करते हुए उनकी तीखी आलोचना की थी. वहीं मांजरेकर ने ‘पिंक टेस्ट’ के दौरान भी साथी कमेंटेटर हर्षा भोगले की काबिलियत पर सवाल उठाए, क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं खेले थे जिसके बाद भी उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी.