भारत के विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने रविवार को कहा कि उन्होंने भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से सबसे अधिक सीखा है, क्योंकि वह जानते थे कि जब तक धोनी टीम में होंगे तब तक उन्हें टीम में शामिल नहीं किया जाएगा. यह थोड़ा आश्चर्य के रूप में सामने आता है कि दोनों ही खिलाड़ियों ने केवल एक टेस्ट ही साथ खेला है. साहा ने विनम्रतापूर्वक स्वीकार किया कि उन्होंने 2014 में सबसे लंबे प्रारूप से धोनी के रिटायरमेंट के बाद टीम के लिए अक्सर खेलना शुरू किया क्योंकि वह टीम में धोनी की जगह नहीं ले सकते थे.


स्पोर्ट्स टॉक को दिए एक इंटरव्यू में बोलते हुए, बंगाल के विकेटकीपर ने याद किया कि कैसे उन्होंने भारत के लिए टेस्ट में डेब्यू किया था. “मैंने एमएस धोनी की जगह नहीं ली, उनके टेस्ट क्रिकेट से हटने के बाद मुझे खेलने का मौका मिला. जिस टेस्ट में मैंने डेब्यू किया, वीवीएस लक्ष्मण उंगली की चोट के कारण नहीं खेल रहे थे. रोहित शर्मा को उनकी जगह टीम में बुलाया गया था क्योंकि उन्होंने बोर्ड अध्यक्ष मैच में अच्छा शतक बनाया था.


अभ्यास के दौरान , रोहित मुझसे टकरा गया. हम दोनों को टखने में चोट लगी थी, लेकिन उन्हें चोट ज्यादा लगी थी. एमएस धोनी टॉस के लिए जा रहे थे और मैं सुब्रमण्यम बद्रीनाथ को थ्रो दे रहा था, उन्होंने रास्ते में मुझे कहा- साहा तू खेल रहा है.


“गैरी कर्स्टन ने मुझे बताया था कि एमएस धोनी टीम में हैं और इसलिए आप नहीं खेलेंगे. उन्होंने मुझे अपनी प्रैक्टिस करने के लिए कहा. यही कारण है कि मैंने नेट में पहले गेंदबाजों को खेला और फिर सीधे डेल स्टेन और मोर्ने मोर्कल को खेला. एमएस धोनी ने अपना मानक तय किया था और मैं आज तक उनसे सीखता हूं.