वेस्टइंडीज को मात देने के बावजूद मुझे कप्तानी से हटा दिया गया था: सुनील गावस्कर
गावस्कर ने कहा है कि, वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद भी मुझे कप्तानी से हटा दिया गया था जबकि इस सीरीज में मैंने 700 से ज्यादा रन बनाए थे.
भारत के पूर्व कप्तान ने 1978-79 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज़ जीतने के बावजूद भारतीय टीम के कप्तान के रूप में हटाए जाने पर हैरानी जताई. वेस्टइंडीज ने छह टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए दौरा किया था, जिसे भारत ने चेन्नई में तीन विकेट से 1-0 से जीत लिया था. हालांकि, गावस्कर को 732 रन बनाने के बावजूद टीम के कप्तान के रूप में हटा दिया गया और बीसीसीआई ने उनकी जगह एस वेंकटराघवन को टीम का कप्तान बनाया.
गावस्कर ने अंग्रेजी अखबार मिड-डे में अपने कॉलम में लिखा है, "वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद भी मुझे कप्तानी से हटा दिया गया था जबकि इस सीरीज में मैंने 700 से ज्यादा रन बनाए थे. मुझे अभी तक इसका कारण नहीं पता, लेकिन शायद मैं उस समय कैरी पैकर वल्र्ड सीरीज क्रिकेट से जुड़ने को तैयार था इसलिए शायद हटा दिया गया हो. चयन से पहले मैंने बीसीसीआई के साथ करार किया और बताया कि मैं किसके लिए वफादार हूं."
गावस्कर ने बताया कि उन्होंने किस तरह बिशन सिंह बेदी को टीम में रखने के लिए चयनकर्ताओं को मानाया.
गावस्कर ने कहा, "समिति ने फैसला किया था कि तीन मैचों के बाद वह बेदी को हटा देंगे. जब मैंने पाकिस्तान सीरीज के बाद कप्तान के तौर पर उनका स्थान लिया तभी समिति उन्हें हटाना चाहती थी. मैंने कहा कि वह अभी भी देश में बाएं हाथ के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हैं और इसलिए उन्होंने पहले टेस्ट मैच में उन्हें मौका दिया."
पूर्व कप्तान ने यह भी खुलासा किया कि कैसे वेस्टइंडीज श्रृंखला से कुछ महीने पहले पाकिस्तान के खिलाफ खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें चयनकर्ताओं को बिशन सिंह बेदी को बनाए रखने के लिए राजी करना पड़ा था। बेदी ने पाकिस्तान में तीन टेस्ट मैचों में 74.83 की औसत से 3/124 के सर्वश्रेष्ठ के साथ छह विकेट लिए थे और चयनकर्ताओं ने घरेलू श्रृंखला के लिए पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर को ड्रॉप करना चाहा था अगर गावस्कर बीच में हस्तक्षेप नहीं करते.
हालांकि, बेदी ने केवल तीन टेस्ट खेले और उन्हें 7 विकेट मिले और 1979 में इंग्लैंड का दौरा भारत के लिए बेदी की अंतिम टेस्ट श्रृंखला थी.