नई दिल्ली: मैरी कॉम की सफलता के लिए भारत का उत्तर पूर्वी हिस्सा अब एक बॉक्सिंग हब है. लेकिन यहां डिंको ने बॉक्सिंग को मणिपुर में लोकप्रिय बना दिया. यहां तक कि मैरी कॉम भी डिंको के रास्तें पर चलीं जब पहली बार उन्होंने इस खेल में कदम रखा था. डिंको ने 1998 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और फिर बाद में साल 2013 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किए गए.
डिंको को उस वक्त झटका लगा जब उन्हें पता चला कि उन्हें लिवर कैंसर है. इस दौरान वो इम्फाल में इलाज कराने के लिए संघर्ष कर रहे थे. बाद में बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने शनिवार को उन्हें दिल्ली लाने की पहल की. आज रात बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अपना वीडियो जारी किया है, जहां डिंको ने एक फाइटर की तरह बात की, जो लिवर कैंसर के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार है.
डिंको ने कहा कि, "मैं गहरे अवसाद में था लेकिन आखिरकार अब यह खत्म हो गया है. डॉक्टर्स ने मुझे इलाज के लिए यहां आने से पहले कई बार बताया था लेकिन लॉकडाउन के कारण मैं आ नहीं पाया था. मैं बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और उसके अध्यक्ष अजय सिंह का शुक्रियाअदा करना चाहूंगा जिनकी वजह से मुझे एयर एम्बुलेंस में लिफ्ट किया गया और मेरे लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए. स्पाइस जेट ने सुनिश्चित किया कि मुझे सुविधा मिले. मुझे ऐसा लगा कि मैं आधा ठीक हो गया जब मैंने सुना कि मैं इलाज के लिए दिल्ली आ सकता हूं. मुझे लगता है कि मैं अब और जीना चाहता हूं. डॉक्टर, नर्स अच्छा मेरी अच्छी देखभाल कर रहे हैं.