नेशनल टीम का कोच बनने के लिए ‘बेताब’ थे सौरव गांगुली
इंडिया टुडे कानक्लेव ईस्ट 2017 के कार्यक्रम के दौरान गांगुली ने बताया कि जब वे प्रशासनिक गतिविधियों से जुड़े थे तब वे टीम इंडिया का कोच बनने के लिये बेताब था.
कोलकाता: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बताया कि वह राष्ट्रीय कोच बनने के लिये ‘बेताब’ थे लेकिन आखिर में प्रशासक बन गये.
गांगुली ने कहा, ‘‘आपको वही करना चाहिए जो आप कर सकते हो और नतीजे के बारे में नहीं सोचना चाहिए. आपको नहीं पता कि जिंदगी आपको कहां तक ले जायेगी. मैं 1999 में ऑस्ट्रेलिया गया था, मैं तब उप कप्तान भी नहीं था. सचिन तेंदुलकर कप्तान थे और तीन महीनों में मैं भारतीय टीम का कप्तान बन गया. ’’
गांगुली ने इंडिया टुडे कानक्लेव ईस्ट 2017 में कहा, ‘‘जब मैं प्रशासनिक गतिविधियों से जुड़ा तो मैं राष्ट्रीय टीम का कोच बनने के लिये बेताब था. जगमोहन डालमिया ने मुझे फोन किया और कहा कि ‘तुम छह महीने के लिये क्यों नहीं कोशिश करते’. उनका निधन हो गया और कोई भी आस पास नहीं था इसलिये मैं बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बन गया. लोगों को अध्यक्ष बनने में 20 साल लगते हैं. ’’ उन्होंने कोच ग्रेग चैपल के साथ विवादास्पद घटना के बारे में भी बात की और उन्होंने क्यों हटने का फैसला किया.
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने 2008 में संन्यास की घोषणा की थी तो सचिन लंच पर आये और उन्होंने मुझसे पूछा कि तुमने इस तरह का फैसला क्यों किया? तब मैंने कहा कि क्योंकि मैं अब और नहीं खेलना चाहता. तब उन्होंने कहा कि तुम जिस लय में खेल रहे हो, उसमें तुम्हें देखना बेहतरीन है. पिछले तीन साल तुम्हारे लिये सर्वश्रेष्ठ रहे हैं. ’’