सेलेक्शन मीटिंग लीक मामले पर आरपी सिंह का बयान, कहा- धोनी हमेशा निष्पक्ष फैसले लेते हैं
एमएस धोनी को लेकर आरपी सिंह ने साल 2008 में हुए सेलेक्शन केमेटी लीक मामले पर बात की जहां उन्होंने कहा कि इसलिए धोनी, धोनी हैं. वह क्रिकेट और फैसलों को लेकर निष्पक्ष रहते हैं. मैं उतना नहीं खेला जितना मुझे खेलना चाहिए था.
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने कहा है कि वो सेलेक्शन मीटिंग लीक विवाद को अपने टीम से बाहर जाने का कारण नहीं मानते. ये विवाद साल 2008 में इंग्लैंड दौरे के दौरान हुआ था. और आरपी सिंह को अभी भी लगता है कि इसकी वजह से धोनी और उनकी दोस्ती या फिर कप्तान के तौर पर कोई फर्क पड़ा है. साल 2008 में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धोनी इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली घरेलू सीरीज के एक हिस्से में इरफान पठान की जगह सिंह को चाहते थे, लेकिन उनकी बात न मानने के बाद उन्होंने चयनकर्ताओं से लगातार बहस की. सिंह को टीम से बाहर कर दिया गया था.
34 साल के सिंह ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मैं उस लीक हुई खबर से प्रभावित हुआ था. जिस इंग्लैंड सीरीज की बात हम कर रहे हैं, उसमें इंदौर में खेले गए मैच में मुझे विकेट नहीं मिला था. जाहिर सी बात है कि हर किसी को लगता है कि उसे दो या तीन मौके मिलने चाहिए. लेकिन ऐसा होना नहीं था. किसी को पांच मौके मिलते हैं तो किसी को 10."
उन्होंने कहा, "मेरे साथ कई बार ऐसा हुआ है कि जब भी मेरे प्रदर्शन में गिरावट आई तब मुझे सीधे घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए भेज दिया गया. कई बार खिलाड़ियों को खराब प्रदर्शन के बाद भी टीम के साथ रहने का मौका मिलता है और वहां अच्छे स्तर का अभ्यास मिलता है. एक बार जब आप घरेलू क्रिकेट में जाते हो तो वो स्तर नहीं मिलता."
2011 में आखिरी बार भारतीय टीम की जर्सी पहनने वाले सिंह ने कहा कि धोनी के साथ उनकी दोस्ती टीम के फैसलों को लेकर कभी बाधित नहीं हुई.
उन्होंने कहा, "हमने बात की थी कि मैं कहां सुधार कर सकता हूं. मैं और क्या बेहतर कर सकता हूं. मैं धोनी को जानता हूं, दोस्ती अलग चीज है और देश की कप्तानी करना अलग बात है. उस समय मुझे लगता कि उन्होंने उन लोगों को मौका दिया जो उन्हें लगता था कि अच्छे हैं. मुझे लगता है कि उन्होंने उन लोगों को चुना जो उनके मुताबिक रणनीति को बेहतर तरीके से लागू कर सकते थे."
बाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, "इसलिए धोनी, धोनी हैं. वह क्रिकेट और फैसलों को लेकर निष्पक्ष रहते हैं. मैं उतना नहीं खेला जितना मुझे खेलना चाहिए था. मेरी स्पीड कम हुई मेरी स्विंग कम हुई. बाकी सब कुछ दूसरी चीजें हैं. अगर मैं उस समय सुधार कर लेता तो मैं और ज्यादा खेल पाता. लेकिन मैंने जितना खेला, उससे खुश हूं."