अमेरिकी अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद खेलों में नस्लभेद को लेकर चर्चा काफी तेज है. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ईयान चैपल ने अपने करियर के दौरान नस्लभेद की घटनाओं को याद किया है. चैपल ने कहा कि नस्लभेद से वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी सोबर्स भी अछूते नहीं रह सके थे. चैपल ने कहा है कि वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी गारफील्ड सोबर्स की शेफील्ड शील्ड टीम में मौजूदगी उनके लिए जीवन और क्रिकेट दोनों जगह एक सीख साबित हुई.


चैपल ने कहा, "एक ऐसे परिवार में जन्म लेना जहां किसी चीज को लेकर किसी तरह की पक्षपात नहीं था, वो भी तब जब व्हाइट आस्टेलिया पॉलिसी लागू थी, इसी कारण मैं नस्लवाद से अनजान था." उन्होंने बताया, "मैं भाग्यशाली था कि मैंने अपना शेफील्ड शील्ड करियर उस टीम के साथ शुरू कर रहा था जिसमें वेस्टइंडीज के महान ऑलराउंडर गैरी सोबर्स थे. यह मेरे जीवन और क्रिकेट दोनों के लिए अच्छी शिक्षा साबित हुई."

चैपल ने आगे कहा, "मेरा पहला विदेशी दौरा 1966-67 में दक्षिण अफ्रीका का था और वह मेरे लिए आंख खोलने वाला साबित हुआ. रंगभेद काल उस समय मजबूत था और हमें केपटाउन में दूसरा टेस्ट मैच जीतने के बाद इसका पता भी चल गया था."

चैपल ने बताया, "आप सोबर्स को क्यों नहीं चुनते? इसके बाद आपकी पूरी टीम अश्वेत हो जाएगी. टीम होटल में एक अनजान शख्स ने आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ग्राहम थॉमस से यह बात कही जो काफी आपत्तिजनक थी. थॉमस के वंश का गुलामी के समय के अमेरिका से नाता है. अच्छी बात यह थी कि वह विवाद में नहीं पड़े और वहां से चले गए."

चैपल ने वो पल भी याद किया जब विंडीज के महान बल्लेबाज विवियन रिचडर्स ने ग्रैग चैपल की कप्तानी वाली आस्ट्रेलिया पर नस्लवाद का आरोप लगाया था. चैपल ने कहा, "1975-76 में मेरे भाई ग्रैग वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई सीरीज में आस्ट्रेलिया के कप्तान थे. सीरीज के बाद छपी किताब में रिचडर्स ने बताया कि सीरीज के दौरान नस्ली टिप्पणियां की गई थीं. मैंने ग्रैग से पूछा, कि क्या तुमने ऐसा कुछ सुना तो उन्होंने कहा नहीं. मैंने बाद में विव से बात की और उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी के बारे में बात कर रहे थे लेकिन उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया कि सब कुछ ठीक हो चुका है."

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