अपनी मांगों को लेकर ICA प्रमुख ने BCCI से कहा- पूर्व खिलाड़ी हमेशा नहीं कर सकते इंतजार
इंडियन क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा ने बीसीसीआई से एक बार फिर उनकी मांगो पर विचार करने को कहा है. बता दें कि पूर्व खिलाड़ियों के लिए ICA ने बीसीसीआई से कई मांगे की थीं.
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेटर्स संघ (ICA) के अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से संस्था की लंबे समय से की जा रही मांगों पर ध्यान देने का आग्रह करते हुए कहा कि उम्रदराज पूर्व खिलाड़ी हमेशा के लिये इंतजार नहीं कर सकते हैं. मल्होत्रा पर आईसीए निदेशकों ने आरोप लगाया था कि वह उनसे सलाह मशविरा किए बिना सार्वजनिक बयान देते हैं और खिलाड़ियों की संस्था से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर बीसीसीआई से बात करते हैं.
आईसीए ने जो मांगे बीसीसीआई के सामने रखी हैं उनमें 25 से कम प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले पूर्व खिलाड़ियों के लिये पेंशन, पूर्व क्रिकेटरों की विधवाओं के लिये पेंशन, चिकित्सा बीमा पांच लाख से बढ़ाकर दस लाख करना और मनोज प्रभाकर को हितकारी निधि का पैसा सौंपना शामिल है. प्रभाकर पर मैच फिक्सिंग के लिये लगाया गया प्रतिबंध 2005 में समाप्त हो गया था.
BCCI को हमारी मांगो पर गौर करना चाहिए- अशोक मल्होत्रा
मल्होत्रा ने कहा कि अब समय आ गया है जबकि बीसीसीआई को उनकी मांगों पर गौर करना चाहिए. मल्होत्रा ने कहा, 'नए बीसीसीआई अध्यक्ष को आए लगभग 10 महीने हो गये लेकिन पूर्व खिलाड़ियों के लिये कुछ नहीं किया गया. आईसीए का गठन पूर्व क्रिकेटरों के कल्याण के लिये किया गया है और इनमें से कई 70 साल के हो गये हैं. वे हमेशा इंतजार नहीं कर सकते हैं.'
उन्होंने आगे कहा कि मैं बीसीसीआई से फिर से मांगों पर गौर करने का अनुरोध करता हूं. बीसीसीआई शीर्ष परिषद में तीन पूर्व क्रिकेटर (गांगुली और आईसीए प्रतिनिधि शांता रंगास्वामी और अंशुमन गायकवाड़) शामिल हैं. मुझे विश्वास है कि वे पूर्व क्रिकेटरों की परेशानियों को समझते हैं. चार बैठक हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया है.
मल्होत्रा के वीडियो से हुआ था विवाद
मल्होत्रा के आईसीए सदस्यों को भेज गये नये वीडियो से विवाद पैदा हो गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें घरेलू क्रिकेट और बिहार क्रिकेट में वर्तमान की प्रशासनिक गड़बड़ियों को लेकर चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि मैंने केवल इतना कहा था कि उनकी चिंता आईसीए और पूर्व क्रिकेटरों के कल्याण को लेकर है. आईसीए अध्यक्ष होने के नाते यह स्वाभाविक है. पिछले दस महीनों में हमने क्या किया. कोविड-19 से प्रभावित पूर्व क्रिकेटरों के लिये पैसा जुटाने के सिवाय कुछ नहीं किया.
हाई कोर्ट से नियुक्त लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार भारत में पहली बार खिलाड़ियों के संघ आईसीए का गठन किया गया है. उसे इस साल के शुरू में अपने कार्यों के संचालन के लिये बीसीसीआई ने दो करोड़ रुपये का अनुदान दिया था.
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