महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने चेन्नई सुपरकिंग्स की इंडियन प्रीमियर लीग में लगातार सफलता का श्रेय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की सहजता, उनकी खेल समझ और इसके लिये पीछे किये गये बेहतरीन काम को दिया. भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष और चेन्नई सुपरकिंग्स फ्रेंचाइजी के मालिक इंडिया सीमेंट्स के प्रमुख एन श्रीनिवासन भी इससे सहमत थे कि धोनी सहज प्रवृति के व्यक्ति हैं जो टीम बैठकों में हिस्सा लेने या डाटा देखने में भरोसा नहीं करते.


दोनों ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा आयोजित एक वेबीनार में बोल रहे थे. ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार द्रविड़ ने वेबीनार में कहा, ‘‘अगर आप चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) की सफलता देखोगे तो उनकी डाटा की पहुंच बहुत अच्छी है, उनके पास पीछे काम करने के लिये लोगों तक पहुंच बहुत अच्छी है और वे जूनियर स्तर पर क्रिकेट टीमें चलाते हैं. ’’


द्रविड़ ने कहा, ‘‘वे प्रतिभा को समझते हैं और इसलिये निश्चित रूप से उनके पास ‘स्काउटिंग प्रक्रिया’ बहुत अच्छी है. लेकिन उनके पास ऐसा कप्तान भी है जो उनकी प्रवृति को बेहद अच्छी तरह समझता है. ’’ पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘मैं धोनी को अच्छी तरह जानता हूं और उम्मीद करता हूं कि वह बिलकुल नहीं बदला लेकिन मैं जानता हूं कि धोनी डाटा और आकंड़ों पर विश्वास नहीं करता. ’’


सीएसके ने तीन बार आईपीएल खिताब अपने नाम किया है जो मुंबई इंडियंस से एक कम है और टीम 10 सत्र में इसका हिस्सा रही है और हर बार नाकआउट तक पहुंची है. श्रीनिवासन ने कहा कि जब डाटा को काफी अहमियत दी जाती है तब कैसे धोनी की सहजता और फैसलों ने टीम को सफलता दिलायी. उन्होंने कहा, ‘‘हम डाटा पर निर्भर रहते हैं. आपको उदाहरण दूं तो काफी गेंदबाजी कोच हैं और टी20 मैच में वे हर बल्लेबाज की वीडियो चलाते हैं जिनके खिलाफ उन्हें खेलना होता है और वे देखते हैं कि वे कैसे आउट हुए, उसकी ताकत क्या है और उसकी कमजोरी क्या है. ’’


उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन एम एस धोनी इसमें हिस्सा नहीं लेता, वह पूरी तरह से सहज व्यक्ति है. गेंदबाजी कोच (मुख्य कोच स्टीफन) फ्लेमिंग इसमें होंगे और हर कोई इसमें होगा, हर कोई राय देगा लेकिन वह उठेगा और चला जायेगा. ’’


श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘उसे यह ठीक लगता है कि वह मैदान पर बल्लेबाज या खिलाड़ी का आकलन कर लेगा. वहीं दूसरी ओर एक व्यक्ति के आकलन के लिये इतना डाटा मौजूद है. इसलिये डाटा और सहजता के बीच लाइन बनाना काफी मुश्किल है. ’’