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INDvSA: ये 5 खिलाड़ी चले तो बदल जाएगा 26 सालों का इतिहास
सपने से भी सुनहरे साल 2017 में झंडे गाड़ने के बाद टीम इंडिया अब नए साल में हकीकत से रूबरू होने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंच चुकी है. भारतीय टीम शुक्रवार यानि 5 जनवरी से साल 2018 के अपने पहले दौरे का आगाज़ करेगी.
नई दिल्ली: सपने से भी सुनहरे साल 2017 में झंडे गाड़ने के बाद टीम इंडिया अब नए साल में हकीकत से रूबरू होने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंच चुकी है. भारतीय टीम शुक्रवार यानि 5 जनवरी से साल 2018 के अपने पहले दौरे का आगाज़ करेगी. दक्षिण अफ्रीका के साथ 3 टेस्ट मैचों की इस बड़ी सीरीज़ के लिए टीम इंडिया ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. जिसके लिए टीम इंडिया मैदान पर भी जमकर पसीना बहा रही है.
लेकिन साल 1992 से दक्षिण अफ्रीका दौरा कर रही भारतीय टीम का हाल इस देश में इतना बुरा है कि भारतीय टीम यहां पर महज़ 2 टेस्ट जीत पाई है. जबकि सीरीज़ तो एक बार भी नहीं. टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका में कुल 15 टेस्ट मुकाबलों में से 2 में जीत हासिल की है. जबकि 7 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है. वहीं 6 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं.
भारतीय टीम को जिन दो टेस्ट मुकाबलों में जीत हासिल हुई वो टीम इंडिया ने पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ और एमएस धोनी की कप्तानी में जीते हैं. लेकिन इस बार टीम इंडिया एक नए जोश और नई तैयारी के साथ अफ्रीकी धरती पर पहुंची है. टीम इंडिया इस बार पहली सीरीज़ जीत का इतिहास रचने के इरादे से यहां नज़र आ रही है.
लेकिन ये काम इतना भी आसान नहीं है, क्योंकि अगर टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका को उसके घर में हराना है तो टीम इंडिया के इन 5 स्टार्स का चलना बहुत ज़रूरी है. ये वहीं पांच सितारे हैं जिनके मजबूत कंधो ने पिछले 2 सालों से टीम इंडिया का अहम भार उठा रखा है. आइये बात करें कौन हैं वो खिलाड़ी
1. कप्तान कोहली: टेस्ट क्रिकेट में नंबर 2 बल्लेबाज़ और मौजूदा भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बड़े दिग्गज विराट कोहली के कंधो पर इस बार सबसे अहम जिम्मेदारी है. टीम इंडिया को अगर दक्षिण अफ्रीका में इतिहास रचना है तो पिछले दो सालों में भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले विराट को यहां अपना बल्ला चलाना होगा.
टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली ने साल 2016 में भारत के लिए सबसे अधिक 1215 रन बनाए हैं, वहीं साल 2017 में विराट कोहली ने एक हज़ार से ज्यादा अधिक रन बनाने हैं. उन्होंने पिछले साल 1059 रन बनाए हैं. दक्षिण अफ्रीका में तो विराट का जलवा और भी दमदार है, यहां खेले महज़ 2 टेस्ट मैचों में उन्होंने 68 के औसत से 272 रन बना हैं. टीम इंडिया चाहेगी कि इस बार भी विराट का बल्ला ऐसे ही चले.
2. चेतेश्वर पुजारा: टीम इंडिया के नए मिस्टर डिपेंडेबल कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा दक्षिण अफ्रीका टीम का सबसे अहम हिस्सा होंगे. पुजारा साल 2017 में भारत की तरफ से सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं. इतना ही नहीं वो ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ के बाद दुनिया के दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे. उन्होंने पिछले साल 1140 रन बनाए.
वहीं साल 2016 में भी उनके बल्लेबाज़ का जलवा कायम रहा है. साल 2016 में वो भारत की ओर से कप्तान कोहली के बाद दूसरे स्थान पर रहे. उन्होंने 2016 में कुल 55 के औसत से 836 रन बनाए थे. वहीं विदेश में पुजारा ने 39 के औसत से 1310 रन बनाए हैं. जबकि यही औसत दक्षिण अफ्रीका सरज़मीं में 44 का हो जाता है. जहां उन्होंने 4 मैचों में 311 रन बनाए हैं.
2016 में उन्होंने किसी भी और गेंदबाज़ से अधिक 72 विकेट चटकाए. वहीं 2017 में अश्विन के नाम कुल 56 विकेट रहे. हालांकि दक्षिण अफ्रीकी ज़मीं पर अभी अश्विन का टेस्ट होना बाकी है. लेकिन अगर अश्विन यहां चल जाते हैं तो फिर टीम इंडिया की आधी राह आसान हो जाएगी.
4. रविन्द्र जडेजा: पिछली कुछ सीरीज़ में रविन्द्र जडेजा ने जिस बखूबी से अपनी गेंदबाज़ी में कंसिस्टेंसी दिखाई है उससे किसी भी कप्तान का उनके अंदर भरोसा बन जाए. ऐसा ही कुछ कप्तान विराट के साथ भी हुआ है. आज की तारीख में कप्तान कोहली, जडेजा पर किसी भी अन्य गेंदबाज़ से ज्यादा भरोसा करते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि ये भरोसा सिर्फ विराट ने दिखाया है, खुद जडेजा भी कई मौकों पर इस भरोसे पर खरे उतरे हैं.
जडेजा साल 2017 में 54 विकेटों के साथ भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज़ रहे. टेस्ट फॉर्मेट में तो उन्होंने ऐसा कमाल किया कि विरोधी टीमें उनके आगे पानी फेरती नज़र आई. वहीं साल 2016 में भी जडेजा, अश्विन के पीछे पीछे 43 विकेटों के साथ दूसरे सबस सफल गेंदबाज़ रहे.
अश्विन-जडेजा की जोड़ी अगर अफ्रीकी पिचों के साथ तालमेल बिठा लेती है तो फिर टीम इंडिया की नैय्या पार होना तय है.
5. भुवनेश्वर कुमार: वैसे तो टीम इंडिया के साथ इस दौरे पर इशांत शर्मा, उमेश यादव और मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी गेंदबाज़ हैं. लेकिन भुवनेश्वर कुमार वो इकलौता सितारा हैं जो इस समय बेजोड़ फॉर्म में हैं और टेस्ट में भी अनुभव रखते हैं.
भुवनेश्वर ने साल 2016 में 13 और 2017 में 11 टेस्ट विकेट चटकाए. लेकिन विदेशों में भी उन्होंने 28 के शानदार औसत के साथ लगातार गेंदबाज़ी की. इस दौरान उन्होंने विदेशों में खेले 8 टेस्ट मुकाबलों में 26 विकेट भी चटका दिए.
3. आर अश्विन: टेस्ट में जिस ऑल-राउंडर विकल्प की टीम इंडिया लंबे अर्से से तलाश कर रही थी वो अश्विन पर आकर खत्म होती है. आर अश्विन बतौर स्पिनर ही नहीं, बतौर ऑल-राउंडर भी कप्तान कोहली की पहली पसंद साबित होंगे. अश्विन साल 2016 में दुनिया के सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ रहे. वहीं 2017 में वो भारत की ओर से सबसे अधिक विकेट लेकर लिस्ट में टॉप करते हैं.
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