पहले दो मैचों में एकतरफा हार के बाद भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे मैच में गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव करना लगभग तय है. भारतीय टीम सीरीज में क्लीन स्वीप से बचना चाहेगी. कंगारू टीम अगर 3-0 से जीत दर्ज करने में सफल रहता है तो लगातार दूसरी सीरीज में भारत का सूपड़ा साफ होगा क्योंकि इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड ने भी उसे इसी अंतर से हराया था.
नवदीप सैनी पड़े भारी, नटराजन को मिल सकता है मौका
कप्तान कोहली पहले ही स्वीकार कर चुके हैं कि ऑस्ट्रेलिया ने पहले दो मैचों में उन्हें ‘पूरी तरह से पछाड़’ दिया. उम्मीद है कि जीत की तलाश में भारत कुछ बदलाव करेगा. पहली बार ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर आए भारत के सबसे तेज गेंदबाज नवदीप सैनी अब तक सटीक लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करने में नाकाम रहे हैं. मेजबान टीम के बल्लेबाजों ने उनके खिलाफ आसानी से रन जुटाए हैं. सैनी के सात ओवर में 70 रन लुटाने के बाद कोहली को हार्दिक पंड्या और मयंक अग्रवाल जैसे गेंदबाजों से उनका स्पैल पूरा कराना पड़ा.
पंड्या गेंदबाजी करने के लिए पूरी तरह से फिट नहीं हैं जबकि अग्रवाल आम तौर पर गेंदबाजी नहीं करते. तीसरे और अंतिम वनडे में अगर शारदुल ठाकुर या बायें हाथ के तेज गेंदबाज टी नटराजन को मौका मिलता है तो हैरानी नहीं होगी. शारदुल को 27 अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव है जबकि नटराजन को यॉर्कर फेंकने में महारत हासिल है. कोहली अगर टेस्ट सीरीज से पहले जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी दोनों को आराम देने का फैसला करते हैं तो शारदुल और नटराजन दोनों को खेलने का मौका मिल सकता है.
स्टीव स्मिथ बने भारतीय टीम के लिए मुसीबत
भारतीय गेंदबाजों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज स्टीव स्मिथ बने हुए हैं जिन्होंने लगातार दो मैचों में 62 गेंद में शतक जड़े. इंडियन प्रीमियर लीग में नाकाम रहे ग्लेन मैक्सवेल ने भी अपनी तूफानी बल्लेबाजी से अंतर पैदा किया है जिससे ऑस्ट्रेलिया की टीम अंतिम ओवरों में ताबड़तोड़ रन बटोरने में सफल रही है. भारत की 66 और 51 रन की हार को देखते हुए उनकी पारियां अहम हो जाती हैं.
आलोचना का शिकार हुए कोहली
भारतीय कप्तान को मैच के दौरान अपने गेंदबाजों के रोटेशन के कारण भी आलोचना का सामना करना पड़ा है. गौतम गंभीर और आशीष नेहरा जैसे पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने मुख्य गेंदबाज बुमराह को पहले स्पैल में सिर्फ दो ओवर देने के लिए उनकी आलोचना की थी. तेज गेंदबाज अगर नाकाम रहे हैं तो स्पिनरों की विफलता ने भारत की मुसीबत को और बढ़ा दिया है. युजवेंद्र चहल पहले दो मैचों में सबसे महंगे गेंदबाज रहे. उन्होंने 19 ओवर में 160 रन लुटाए और सिर्फ एक विकेट हासिल कर सके. रविंद्र जडेजा ने रन गति पर कुछ अंकुश लगाया लेकिन गेंद को घुमाने को अधिक तरजीह नहीं देने के कारण एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए.
बल्लेबाजी में टीम इंडिया का ठीक ठाक प्रदर्शन
बल्लेबाजी की बात करें तो कोहली और लोकेश राहुल दूसरे मैच में अच्छी लय में दिखे लेकिन राहुल दूसरे पावर प्ले के दौरान स्ट्राइक रोटेट करने में नाकाम रहे जो चिंता का सबब है. भारतीय बल्लेबाज हालांकि दोनों मैचों में ठीक ठाक प्रदर्शन करने में सफल रहे हैं और अगर गेंदबाजों का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर होता है मेहमान टीम के पास मौका हो सकता था.
टीम इंडिया की संभावित प्लेइंग इलेवन
शिखर धवन, शुभमन गिल/मयंक अग्रवाल, विराट कोहली (कप्तान), श्रेयस अय्यर, लोकेश राहुल (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, रविंद्र जडेजा, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और टी नटराजन या शारदुल ठाकुर
ऑस्ट्रेलिया की संभावित प्लेइंग इलेवन
आरोन फिंच (कप्तान), डार्सी शॉर्ट/मैथ्यू वेड, स्टीव स्मिथ, मार्नस लाबुशेन, ग्लेन मैक्सवेल, एलेक्स केरी, मोइजेस हेनरिक्स, मिशेल स्टार्क, एडम जम्पा, जोश हेजलवुड, सीन एबट.
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