मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शनिवार को दूसरे टेस्ट में डेब्यू करने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने कहा कि भारतीय ‘टेस्ट कैप (टेस्ट मैच की टोपी)’ हासिल करना उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि है जिसे उन्होंने डॉट गेंदों की मदद से बल्लेबाजों को दबाव में डालकर यादगार बनाया. भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद सिराज के पिता का निधन हो गया था. लेकिन कोविड-19 के कारण लागू नियमों और प्रतिबंधों की वजह से उन्होंने दौरे पर टीम के साथ रूकने का फैसला किया.


ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन से टेस्ट कैप हासिल करने के बाद उन्होंने मैच के शुरुआती दिन 40 रन देकर दो विकेट चटकाये. भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले 298वें खिलाड़ी बने सिराज ने बीसीसीआई टेलीविजन पर कहा, ''टेस्ट क्रिकेट का कैप मिलना मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि है. मुझे अज्जू भाई (अजिंक्य रहाणे) और जस्सी भाई (जसप्रीत बुमराह) के साथ बात कर के अच्छा लगा. वे मेरा हौसला बढ़ा रहे थे.''



उन्होंने कहा कि वह गेंदबाजी करने के लिए व्याकुल हो रहे थे लेकिन कार्यवाहक कप्तान रहाणे ने लंच के बाद उनसे गेंदबाजी करने का फैसला किया. उन्होंने कहा, ''मैं गेंदबाजी करने के लिए व्याकुल हो रहा था और लंच के बाद अजिंक्य रहाणे ने जब मुझे गेंदबाजी के लिए कहा तो मैंने वॉर्मअप करना शुरू किया. उन्होंने फिर मुझे बताया कि मैं सिर्फ दो ओवर गेंदबाजी करुंगा.''


उन्होंने कहा, ''लंच के बाद विकेट बल्लेबाजों के लिए मददगार बन गई, ऐसे में मेरी योजना डॉट गेंद डाल कर दबाव बनाने की थी. सिराज को पहली सफलता मार्नुस लाबुशेन के विकेट के रूप में मिली. उन्होंने इसके बाद चतुराई से गेंदबाजी करते हुए कैमरन ग्रीन को आउट किया. पहले दिन ऑस्ट्रेलिया की पारी को 195 रन पर समेटने के बाद भारत ने एक विकेट के नुकसान पर 36 रन बना लिये थे.



टेस्ट डेब्यू कर पिता के सपने को पूरा किया
मोहम्मद सिराज पिछले महीने अपने दिवंगत पिता का अंतिम संस्कार नहीं कर पाये थे क्योंकि वह राष्ट्रीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया में थे और शनिवार को उनके परिवार ने कहा कि तेज गेंदबाज ने भारत के लिये टेस्ट पदार्पण करके उन्हें गौरवान्वित कर दिया. भारतीय टीम नवंबर में ऑस्ट्रेलिया पहुंची थी और इसके एक हफ्ते बाद 20 नवंबर को 26 वर्षीय सिराज के पिता मोहम्मद गौस का हैदराबाद में निधन हो गया. लेकिन कोविड-19 पाबंदियों के कारण वह घर नहीं लौट सके.





उनके भाई इस्माइल ने कहा कि उनके पिता का सपना था कि सिराज टेस्ट मैचों में देश के लिये खेले और आखिरकार एमसीजी में शनिवार को उनका सपना पूरा हो गया. इस्माइल ने हैदराबाद से पीटीआई से कहा, ''मेरे (दिवंगत) पिता का सपना था कि सिराज को टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहिए. वह हमेशा उसे (सिराज को) नीली और सफेद जर्सी में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए देखना चाहते थे इसलिये आज हमारा सपना पूरा हो गया.'' सिराज देश के लिये एक वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं.