IND vs NZ: फैंस निराश, कप्तान कोहली और तमाम खिलाड़ी हताश, देखें ख्वाब, दिल और उम्मीद टूटने की ये 15 तस्वीरें
टैलेंटड होने का तमगा मिलने के बाद भी टीम से बाहर रहने वाले पंत विश्व कप में किस्मत से पहुंचे थे. उनके लिए ये गोल्डन से भी ज्यादा महत्वपूर्ण मौका था. लेकिन अनुभव की कमी उनकी पारी को 32 रनों से आगे नहीं बढ़ा पाई.
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View In Appआपको बता दें कि लीग स्टेज में टीम इंडिया अंक तालिका में सबसे ऊपर रही थी, इसीलिए उसका सामना चौथे नंबर पर रही टीम न्यूज़ीलैंड से हुआ.
भारतीय टीम पूरे विश्व कप में जिस अंदाज़ में खेली उससे किसी को भी यकीन नहीं था कि 240 रनों का लक्ष्य उनके लिए इतना बड़ा हो जाएगा.
सेमीफाइनल में हार के बाद कप्तान कोहली निराश दिखे. शायद जो दुख उनके दिल में था वो चेहरे पर लाने से बच रहे थे. चुप चाप इस हकीकत को मानने की कोशिश कर रहे थे, कि अब उनकी टीम का विश्व कप का सफर खत्म हो गया है.
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर जो कारनामा न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ों ने किया, वो इतिहास में दर्ज हो गया. लेकिन विश्व कप में वर्ल्ड चैम्पियन की तरह खेलने वाली टीम इंडिया की हार हर भारतीय के दिल में कई दिनों तक टीस बन कर चुभती रहेगी.
कोहली जब आउट हुए थे, तभी शायद वो इस हार की आहट महसूस कर रहे होंगे. क्योंकि उनसे पहले ही रोहित भी मैदान से जा चुके थे.
साल 2015 में जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से सेमीफाइनल में हारकर बाहर हुई थी, तभी से टीम इंडिया के करोड़ों फैंस साल 2019 के विश्व कप का इंतज़ार कर रहे थे. बीते चार सालों में टीम इंडिया ने हर मौके पर ये साबित किया कि वो एक विश्व विजेता टीम बनने की ओर अग्रसर है.
लक्ष्य आसान लग रहा था. लेकिन किसको पता था कि टीम इंडिया ने जो गेंदबाज़ी पहले दिन की थी वो इस पूरे फिल्म में केवल ट्रेलर था, पिक्चर तो दूसरी पारी में न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ दिखाने वाले थे. 10 ओवर में 24 रन बोर्ड पर लगे थे और टीम के वो चार बल्लेबाज़ पवेलियन में थे, जिनपर जीत दिलाने का दारोमदार था.
सालों के इंतज़ार के बाद कोहली अपनी विश्व कप जीत से महज़ दो कदम दूर थे. हार के बाद कोहली का ये चेहरा उनके दुख को बयान करने के लिए काफी है.
फैंस की खुशियां गम में तब्दील हो रही थी.
हर एक विकेट के साथ मैदान पर मौजूद भारतीय फैंस की उम्मीदें टूटती जा रही थीं. कुछ फैंस रो रहे थे, कुछ निराश थे.
मुकाबले के बाद न्यूज़ीलैंड के कप्तान भारत के कप्तान विराट कोहली से मिलते हुए.
पिछले कई महीनों से हर ओर चर्चा थी, कि टीम मज़बूत है, विश्व कप हमारा है. कोहली के कंधों पर 1983 और 2011 के इतिहास को दोहराने की ज़िम्मेदारी थी. लेकिन जब मौका आया तो पूरे विश्व कप में चैम्पियन की तरह बल्लेबाज़ी करने वाली टीम इंडिया सेमीफाइनल में ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. और इस हार के बाद तमाम फैंस की उम्मीदें, ख्वाब और दिल एक साथ चकनाचूर हो गए.
चार विकेट गिरने के बाद वर्ल्ड चैम्पियन बनने इंग्लैंड पहुंची टीम इंडिया का असली संघर्ष शुरू हुआ.
इसके बाद दो दिग्गजों धोनी और हार्दिक पांड्या ने वो खेल दिखाया जिससे करोड़ों भारतीय फैंस एक बार फिर टीवी स्क्रीन्स पर जम गए. ये उम्मीद भी जल्द टूट गई. पांड्या भी 32 रन ही बना पाए.
सेमीफाइनल मुकाबला दो दिनों तक चला. पहले दिन न्यूज़ीलैंड ने 46.1 ओवर खेले और दूसरे दिन 23 गेंद खेल कर टीम इंडिया को 240 रनों का लक्ष्य दिया.
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