नई दिल्ली. भारतीय महिला मुक्केबाजों ने पोलैंड के किलसे में चल रही यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में गुरुवार को दबदबा बनाते हुए सात स्वर्ण पदक जीते. सात महिला मुक्केबाज फाइनल में पहुंची थी और सभी में उन्होंने पहला स्थान हासिल किया. भारत के लिए गीतिका (48 किग्रा), बेबीरोजिसाना चानू (51 किग्रा), पूनम (57 किग्रा), विन्का (60 किग्रा), अरूंधति चौधरी (69 किग्रा), थोकचोम सानामाचू चानू (75 किग्रा) और अलफिया पठान (81 किग्रा से अधिक) ने स्वर्ण पदक जीते.
गीतिका ने पोलैंड की नटालिया कुस्जेवस्का पर और बेबीरोजिसाना ने रूस की वालेरिया लिंकोवा पर 5-0 के समान अंतर से जीत हासिल की. इसके बाद पूनम ने फ्रांस की स्थेलिन ग्रोसी को 5-0 से हराया जबकि रैफरी ने कजाखस्तान की खुलदिज शायाखमेतोवा के खिलाफ अंतिम दौर में मुकाबला बीच में रोककर विन्का को विजेता घोषित किया. अरूधंति के सामने स्थानीय प्रबल दावेदार मार्सिंकोवस्का ने कोई चुनौती पेश नहीं की और इस भारतीय ने फाइनल में 5-0 से आसान जीत दर्ज की. सानामाचा चानू ने कजाखस्तान की डाना डिडे को 3-2 से शिकस्त दी.
अलफिया ने दिलाया सातवां गोल्ड
शाम की अंतिम बाउट में अलफिया ने मोलदोवा की दारिया कोजोरेज को 5-0 से हराकर देश को सातवां स्वर्ण पदक दिलाया. इसके साथ ही भारतीय महिला मुक्केबाजों ने आयु वर्ग की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में गुवाहाटी में 2017 चरण के प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया जिसमें उसने पांच स्वर्ण पदक जीते थे. गीतिका ने दबदबा बनाते हुए अपनी कमजोर प्रतिद्वंद्वी को पस्त किया. गीतिका का फुटवर्क भी शानदार रहा. इससे कुस्जेवस्का मुक्के सही जगह पर नहीं जड़ सकी और उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी की आक्रामकता के सामने घुटने टेक दिये.
बेबीरोजिसाना ने दूसरे राउंड में की शानदार वापसी
मणिपुर में एम सी मैरीकॉम अकादमी की बेबीरोजिसाना ने रूसी मुक्केबाज के खिलाफ शुरूआती राउंड में एक दूसरे की रणनीति को समझने में समय लगाया. दूसरे राउंड में मणिपुरी मुक्केबाज ने शानदार मुक्के जड़े और रूसी मुक्केबाज को अपनी लंबाई का फायदा नहीं उठाने दिया. फिर तीसरे राउंड में भारतीय मुक्केबाज ने हमले तेज कर जीत हासिल की. इसके बाद पूनम और विन्का ने भी अपनी प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ दबदबा बनाते हुए स्वर्ण पदक जीते.
अजय सिंह ने दी अपनी प्रतिक्रिया
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, ‘‘यह हमारे युवा मुक्केबाजों का शानदार प्रयास है विशेषकर तब जब हमारे खिलाड़ियों ने पिछले एक साल में अधिकांश समय अपने घरों में बिताया है और सिर्फ ऑनलाइन ट्रेनिंग सत्र में हिस्सा लिया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अड़चनों और चुनौतियों के बावजूद हमारे कोचों और सहयोगी स्टाफ ने शानदार काम किया.’’ भारत के आठ मुक्केबाजों ने फाइनल में जगह बनाई जिसमें सातों महिला मुक्केबाज ने स्वर्ण पदक जीते. भारत आठवां स्वर्ण भी अपनी झोली में डाल सकता है जब फाइनल में जगह बनाने वाले एकमात्र पुरुष मुक्केबाज सचिन (56 किग्रा) शुक्रवार को रिंग में उतरेंगे.
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