Indian Weightlifters in Commonwealth Games: कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) हमेशा से भारतीय वेटलिफ्टर्स (Indian Weightlifters) के लिए बेहद सफल साबित हुए हैं. यहां भारतीय वेटलिफ्टर्स ने अब तक कुल 125 पदक जीते हैं, जिनमें 43 गोल्ड मेडल शामिल है. मेडलों की यह संख्या भारत को ऑस्ट्रेलिया (159 पदक) के बाद कॉमनवेल्थ गेम्स में वेटलिफ्टिंग के मामले में दूसरा सबसे सफल देश बनाती है.
कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन बार तो ऐसे मौके भी आए हैं, जब भारतीय टीम वेटलिफ्टिंग में मेडल जीतने के मामले में पहले नंबर पर भी रही है. साल 1990, 2002 और 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय वेटलिफ्टर्स ने अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा मेडल जीते. गोल्ड कास्ट में हुए पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में इस इवेंट में भारत को 5 गोल्ड समेत कुल 9 मेडल मिले थे. इस बार भी भारतीय वेटलिफ्टर्स से इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद है.
कॉमनवेल्थ गेम्स में इस बार भारत से 15 वेटलिफ्टर्स का दल भेजा जा रहा है. और सभी में पदक जीतने की क्षमता है. ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट मीराबाई चानू महिलाओं के 49 किग्रा भारवर्ग में पदक लाने की पक्की उम्मीदवार हैं. उनके साथ ही बिंदियारानी (55 किग्रा), पॉपी (59 किग्रा) में अपनी किस्मत आजमाएंगी.
युथ ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले जैरेमी लालरिनुनगा (67 किग्रा) के भी गोल्ड जीतने की उम्मीदें हैं. अचिंता श्यूली (73 किग्रा) और अजय सिंह (81 किग्रा) भी अपने-अपने इवेंट में टाइटल जीतने के दावेदार बताए जा रहे हैं.
भारतीय वेटलिफ्टर्स दल के हेड कोच विजय शर्मा का कहना है कि इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हमारा लक्ष्य पिछली बार की तुलना में ज्यादा मेडल लाने का है. उम्मीद है कि हम इस बार 4 से 5 गोल्ड लाएंगे.
भारतीय वेटलिफ्टर्स टीम:
महिला: मीराबाई चानू (49 किग्रा), बिंदियारानी देवी (55 किग्रा), पॉपी हजारिका (59 किग्रा), हरजिंदर कौर (71 किग्रा), पूनम यादव (76 किग्रा), उषा कुमारी (87 किग्रा), पुर्णिमा पांडे (+87 किग्रा)
पुरुष: संकेत सागर (55 किग्रा), गुरूराजा पुजारी (61 किग्रा), जैरेमी लालरिनुनगा, अचिंता श्यूली (73 किग्रा), अजय सिंह (81 किग्रा), विकास ठाकुर (96 किग्रा), लवप्रीत सिंह (109 किग्रा), गुरूदीप सिंह (+109 किग्रा)
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