Team India Head Coach Gautam Gambhir: वर्ल्ड कप 2011 की विजेता भारतीय टीम का स्कोरकार्ड हो या 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स के सिर आईपीएल का ताज रखने वाले सूत्रधार, हर जगह गौतम बड़ी गंभीर भूमिका में दिखाई दिए हैं. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज की उपलब्धियों की लिस्ट इतनी लंबी है, जिसने उन्हें अब भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के हेड कोच का प्रबल दावेदार बना दिया और बाद में इस पद पर काबिज भी कर दिया.


गंभीर से पहले इस पद के साथ लगी कुर्सी पर राहुल द्राविड़ के नाम की पर्ची लगी थी. राहुल द्राविड़, जिन्होंने दशकों तक न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बल्कि क्रिकेट प्रेमियों के दिल पर राज किया और जाते-जाते भारत को टी20 वर्ल्ड कप का शानदार तोहफा थमा दिया. अब उनके जाने के बाद गौतम गंभीर भारतीय टीम के कोच बन रहे हैं. ये उस दौर की याद दिला रहा है, जिस दौर में द्राविड़ के बाद दीवार के तौर पर गंभीर को ही देखा जाता था. 


नेपियर के मैदान में जब न्यूजीलैंड ने भारत के सामने 619 रनों का विशाल लक्ष्य खड़ा कर दिया तो इसका पीछा करने उतरी भारतीय टीम पहली इनिंग में महज 305 रन पर ऑल आउट हो गई. फॉलो ऑन करते हुए भारतीय टीम की दूसरी इनिंग शुरू हुई तो गंभीर ने मोर्चा संभाला और 436 गेंदों का सामना करते हुए 137 रन बनाए. इस पारी के दौरान गंभीर 11 घंटे तक पिच पर खड़े रहे. मैच भारत के हाथ से छिटकने से बचा और ड्रॉ हो गया. इस पारी के बाद से ही उन्हें द्राविड़ के बाद भारत की नई दीवार कहा जाने लगा. 


सहवाग ने बताया गंभीर को सबसे अच्छा टेस्ट ओपनर


वैसे तो 2000 की शुरुआत के पहले से ही दिल्ली से छपने वाले अखबारों में गंभीर का नाम दिखाई देने लगा था. 2003 आते-आते ये नाम भारतीय जर्सी पर भी छप गया. अप्रैल के महीने में बांग्लादेश के खिलाफ उतरी भारतीय टीम की तरफ से ओपनिंग करने वाले गौतम गंभीर महज 11 रनों की पारी ही खेल सके, लेकिन तेवर और अंदाज से ही पता लग गया था कि ये सफर बहुत लंबा और सुहाना होने वाला है.


साल बदला तो गंभीर की जर्सी का रंग भी बदला. 2004 के नवंबर महीने वो पहली बार भारतीय टीम की तरफ से टेस्ट खेलने उतरे. पहले मैच में गंभीर कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके, लेकिन बाद में सफेद जर्सी में गंभीर का बल्ला ऐसा चला कि कई रिकॉर्ड बना गया. टेस्ट मैच में गंभीर के नाम लगातार पांच मुकाबलों में शतक जड़ने का रिकॉर्ड दर्ज है. उनके अलावा कोई और भारतीय ऐसा रिकॉर्ड अपने नाम नहीं कर सका है. इस मामले में गंभीर से आगे महज सर डॉन ब्रेडमैन हैं, जिन्होंने लगातार 6 टेस्ट मुकाबलों में शतक ठोके हैं.


गंभीर ने टेस्ट मैच में लगातार 11 मुकाबलों में 50 से ज्यादा का स्कोर बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है. सिर्फ टेस्ट मैच की बात करें तो गंभीर ने 58 मैच में 9 शतक और 22 अर्धशतकों के बूते 4154 रन बनाए हैं. टेस्ट मैच में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 206 रहा है. वीरेंद्र सहवाग ने तो गंभीर को सुनील गावस्कर के बाद भारत का सबसे बेहतरीन टेस्ट ओपनर तक बताया था.


याद है मिट्टी में सनी 2011 की वो नीली जर्सी 


नीली जर्सी की बात करें तो गंभीर ने 147 वनडे मैच खेले हैं, जिनमें 11 शतक और 34 अर्धशतकों की मदद से उन्होंने 5238 रन बनाए. नीली जर्सी में गंभीर के रिकॉर्ड्स से ज्यादा वो यादगार तस्वीर है, जिसमें मैली सी जर्सी के साथ उन्होंने 2011 के वर्ल्ड पर भारत का नाम उकेरा. वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने भारत को 275 रन का टारगेट दिया. जिसका पीछा करने उतरी भारतीय टीम के दो धाकड़ बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर सस्ते में ही आउट हो गए थे. इसके बाद गौतम गंभीर ने मोर्चा संभाला और 97 रन की वो पारी खेली, जिसने भारतीय टीम की रीढ़ को वो मजबूती दी, जिसकी मदद से भारत ने वर्ल्ड कप को उठाया भी और चूमा भी. 


2011 के वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम की तरफ से सर्वाधिक स्कोर गंभीर के बल्ले से ही निकला था. गंभीर की मैली और पसीने में तर नीली जर्सी की वो यादगार तस्वीर हर क्रिकेट प्रेमी के जेहन में बस गई. 2011 के बाद में जो आईपीएल हुआ, उसमें गंभीर की बोली सबसे महंगी लगी थी. उन्हें 11 करोड़ में कोलकाता नाइट राइडर्स ने खरीदा, जिसे अगले ही सीजन यानी 2012 में गंभीर ने चैंपियन बना दिया.


गंभीर ने 37 टी20 मुकाबले भी नीली जर्सी में खेले हैं, जिनमें 7 अर्धशतकों की मदद से उन्होंने 932 रन बनाए. टी20 मुकाबलों में गंभीर का सर्वाधिक स्कोर 75 रन का रहा. गंभीर ने आखिरी टी20 मुकाबला 2012 और आखिरी वनडे मैच 2013 में खेला था. भारतीय टीम के लिए गंभीर आखिरी बार साल 2016 में टेस्ट मैच खेले थे. हालांकि वो आईपील में लगातार दिखाई दिए.


दो बार कप्तान तो एक बार कोच बनकर कोलकाता को बनाय चैंपियन


गौतम गंभीर की कप्तानी में कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने दो बार आईपीएल की ट्रॉफी अपने नाम दर्ज की है. वहीं जब वो एक बार फिर कोच के तौर पर टीम के साथ जुड़े तो 2024 में भी कोलकाता को आईपीएल का चैंपियन बना गए. गंभीर ने आईपीएल में 154 मुकाबलों में 4218 रन बनाए. उनका सर्वाधिक स्कोर 93 रहा और उन्होंने 36 अर्धशतक जड़े. गंभीर के आईपीएल करियर का आगाज तो दिल्ली डेयरडेविल्स से हुआ लेकिन बाद में वो कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ जुड़ गए और 2012 और 2014 में एक कप्तान तो 2024 में कोच के तौर पर टीम को चैंपियन बनाया. 


साल 2018 में गंभीर ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया. उन्हें भारत सरकार ने दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री से नवाजा और बाद में वो सियासत में भी उतर गए. 2019 के लोकसभा चुनाव से गंभीर की राजनीतिक पारी का आगाज भी शानदार रहा और पहली बार में ही वो बीजेपी के टिकट से पूर्वी दिल्ली के सांसद भी चुन लिए गए. हालांकि क्रिकेट का साथ वो कभी नहीं छोड़ पाए. ये क्रिकेट की पुकार ही थी कि उन्होंने 2024 में लोकसभा का चुनाव न लड़ने का फैसला लिया और इसी साल अब वो एक बार फिर भारतीय क्रिकेट में कोच के तौर पर वापसी कर रहे हैं.


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