सिडनी: ऑस्ट्रेलिया के मैदान पर विराट कोहली की टीम इंडिया ने इतिहास रचा है. किसी जमाने में क्रिकेट के बादशाह रहे ऑस्ट्रेलिया को उसकी ही सरजमीं पर 2-1 से मात दी है. टीम इंडिया की यह जीत बेहद खास है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर टीम 71 साल बाद सीरीज जीती है.
1947/48 से शुरु हुई भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट राइवलरी में ये पहला मौका है जब विराट के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया के घर में घुस कर उसे हराया है. जीत बड़ी है तभी कोहली इसे अब तक की सबसे बड़ी जीत बता रहे हैं. विराट कोहली ने इस जीत को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धी बताया है.
कोहली ने मैच के बाद कहा, "यह मेरी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है. यह सूची में सबसे ऊपर रहेगी. जब हमने विश्व कप जीता था तो मैं टीम का सबसे युवा सदस्य था. मैं देख रहा था कि अन्य खिलाड़ी भावुक हो रहे थे. इस श्रृंखला में जीत से हमें एक टीम के रूप में अलग पहचान मिलेगी. हमने जो हासिल किया मुझे वास्तव में उस पर गर्व है."
रवि शास्त्री ने बताया 1983 से बड़ी जीत
इस जीत के बाद कोच रवि शास्त्री ने भी मीडिया का सामना किया और इस जीत को विश्वकप 1983 से भी बड़ा बताया. इतना ही नहीं उन्होंने इस जीत के लिए कप्तान विराट कोहली को सेल्यूट तक कर दिया.
शास्त्री से एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि लाला अमरनाथ से लेकर सुनील गावस्कर, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी जैसे कप्तान ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए लेकिन जीत विराट कोहली को मिली, इस पर आपकी क्या राय है?रवि शास्त्री ने मुस्कुराते हुए इस सवाल के जवाब में कहा कि 'इतिहास बीती बात होती है. भविष्य ही रहस्य है. हम 71 साल में पहली बार सीरीज जीते हैं. मैं इसके लिए अपने उस कप्तान को सैल्यूट करता हूं जिनकी कप्तानी में हमारी टीम ने ऑस्ट्रेलिया के उसके घर में आकर हराया है.'
इतना ही नहीं रवि शास्त्री ने टीम की इस जीत को अपनी 1983 विश्वकप जीत से भी बड़ा बता दिया. शास्त्री ने कहा, 'मैं आपको बताना चाहता हूं कि ये मेरे लिए कितनी तसल्ली देने वाली है. ये जीत विश्वकप 1983 और वर्ल्ड चैम्पियनशिप 1985 से भी बहुत बड़ी है, क्योंकि ये फॉर्मेट क्रिकेट का असली फॉर्मेट है. यही टेस्ट क्रिकेट है.'
क्या यह जीत 2011 से भी बड़ी है ?
कोहली ने जहां इस सीरीज जीत को अब तक की सबसे बड़ी जीत बताई है तो वहीं भारत के महानतम सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कहा, ''यह भारतीय क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक क्षण है.'' यह जीत कई मायनों में विराट कोहली को टीम इंडिया के अब तक कप्तानो से अलग मुकाम देती भी है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भारतीय टीम ने पहली बार कोई टेस्ट सीरीज जीती है.
इससे पहले टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सी.के. नायडू, लाला अमरनाथ, विजय हजारे, मंसूर अली खान पटौदी, सुनील गावस्कर, कपिल देव, मोहम्मद अजहरूद्दीन, रवि शास्त्री, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी और कई खिलाड़ियों ने टीम की कप्तानी की है, लेकिन किसी भी कप्तान ने भारत को ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में जीत दिलाने में कामयाब नहीं हुआ. 2011 के विश्व कप से जीत बड़ी है या नहीं ये तो कहा नहीं जा सकता लेकिन बता दें कि 2011 का विश्व कप भारत में खेला गया था. उस वक्त टीम को होम कंडीशन में खेलने का भी फायदा था लेकिन इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर, उनके पिच कंडीशन के हिसाब से खेलते हुए वाकयी बड़ी जीत है.