विशाखापत्तनम: रोहित शर्मा के शानदार शतक के बदौलत भारत ने पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिये 395 रन का असंभव लक्ष्य दिया जिससे अंतिम दिन का खेल रोमाचंक होने की उम्मीद है. रोहित ने पहली पारी में 176 रन के बाद दूसरी पारी में 149 गेंद में 127 रन की पारी खेली जिससे वह टेस्ट इतिहास में सलामी बल्लेबाज के रूप में पदार्पण करते हुए दोनों पारियों में शतक जड़ने की उपलब्धि हासिल करने वाले पहले क्रिकेटर बन गये.


भारत ने चौथे दिन अंत में देर तक बल्लेबाजी की और दूसरी पारी 67 ओवर में चार विकेट पर 323 रन पर घोषित की. इससे दक्षिण अफ्रीकी टीम को आउट करने के लिये उन्हें चौथे दिन केवल 45 मिनट मिले लेकिन उनके पास पूरा पांचवां दिन बाकी है. स्टंप तक दक्षिण अफ्रीका ने एक विकेट गंवाकर 11 रन बना लिये जिससे उसे जीत के लिये अब 384 रन की जरूरत है. रविंद्र जडेजा ने पहली पारी में शतक जड़ने वाले डीन एल्गर को पगबाधा (एलबीडब्ल्यू) आउट किया.


पिच धीमी बनी हुई है लेकिन इस पर टर्न मिल रहा है और इस पर बने खुरदुरेपन से कुछ गेंदें उछाल भी ले रही हैं. पहली पारी में सात विकेट झटकने वाले रविचंद्रन अश्विन और जडेजा अंतिम दिन भारत के लिये अहम साबित होंगे. एल्गर के आउट होने के बाद अब क्विंटन डिकॉक का विकेट महत्वपूर्ण होगा जो भारत को कई मौकों पर परेशान कर चुके हैं.


पहली पारी में बल्ले से शानदार प्रदर्शन करने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम अंतिम दिन पूरे 90 ओवर खेलना चाहेगी. शनिवार का दिन फिर रोहित के नाम रहा जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका के सुबह के सत्र में 431 रन पर पहली पारी समाप्त करने के बाद फिर तेजी से खेलते हुए शानदार पारी खेली.


रोहित ने 13 छक्के जड़कर पाकिस्तान के वसीम अकरम के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ा जिन्होंने 1996 में जिम्बाब्वे के खिलाफ एक मैच में 12 छक्के लगाये थे. रोहित और चेतेश्वर पुजारा (148 गेंद में 81 रन) के बीच दूसरे विकेट के लिये 169 रन की साझेदारी से भारत ने दूसरी पारी की नींव रखी. जिनके बाद जडेजा (32 गेंद में 40 रन), विराट कोहली (25 गेंद में नाबाद 31 रन) और अजिंक्य रहाणे (17 गेंद में नाबाद 27 रन) ने उपयोगी योगदान दिया. परिस्थितियों को देखते हुए जडेजा को कोहली से पहले बल्लेबाजी के लिये उतारा गया.


चाय तक एक विकेट पर 175 रन से भारत ने 34 ओवरों के दूसरे सत्र में 140 रन बनाकर अपनी कुल बढ़त 246 रन कर ली थी. इस स्टाइलिश सलामी बल्लेबाज ने अपने चिर परिचित अंदाज में खेलते हुए स्कोरबोर्ड चलायमान रखा. पुजारा को अपनी पारी के शुरू में थोड़ी परेशानी हुई जिसमें उन्होंने 62 गेंद में केवल आठ रन बनाये.


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हालांकि सत्र के पहले ड्रिंक्स ब्रेक के बाद उन्होंने स्पिनरों के खिलाफ खुलकर खेलना शुरू किया. आफ स्पिनर डेन पीट ने एक शार्ट गेंद फेंकी और पुजारा ने इसे डीप मिडविकेट पर छक्के के लिये पहुंचा दिया. इससे पहले उन्होंने केशव महाराज की गेंद पर चार चौके लगाकर रन गति बढ़ायी. भाग्य भी पुजारा के साथ था क्योंकि कागिसो रबाडा की गेंद का बाहरी हिस्सा उनके बल्ले से लगा लेकिन गेंद पहली स्लिप में खड़े क्षेत्ररक्षक और विकेटकीपर के बीच से होती हुई सीमारेखा की ओर निकल गयी.


रोहित भी भाग्यशाली रहे जब सेनुरान मुथुस्वामी ने उन्हें लांग-आन पर कैच आउट किया होता लेकिन रिव्यू में पाया गया कि दूसरे प्रयास में कैच लेने की कोशिश में गेंद को छोड़ते समय वह बाउंड्री की रस्सी से छू गये थे. अपनी पारी में 13 चौके और दो छक्के जड़ने वाले पुजारा ब्रेक से पहले अंतिम गेंद पर डीआरएस की करीबी अपील पर बचे.


लंच से पहले भारत ने एकमात्र विकेट पहली पारी में दोहरे शतक जमाने वाले मयंक अग्रवाल (07) के रूप में गंवाया. केशव महाराज की टर्न लेती बेहतरीन गेंद मयंक के बल्ले से छूते हुए पहली स्लिप में खड़े क्षेत्ररक्षक के हाथ में चली गयी. इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने सुबह अंतिम दो खिलाड़ियों के 55 अहम रन जोड़ने से पहली पारी 431 रन पर समाप्त की, जिससे भारत ने पहली पारी के आधार पर 71 रन की बढ़त हासिल की.


दक्षिण अफ्रीका ने आठ विकेट पर 385 रन से आगे खेलना शुरू किया और सुबह 13.1 ओवर बल्लेबाजी करते हुए पदार्पण कर रहे मुथु्स्वामी और रबाडा की बदौलत अहम 46 रन जोड़े. मुथुस्वामी 106 गेंद में 33 रन बनाकर नाबाद रहे जबकि रबाडा ने तीन चौकों से 15 रन की पारी खेली. मुथुस्वामी और रबाडा ने 10वें विकेट के लिये 35 रन जोड़े.


अश्विन (145 रन देकर सात विकेट) ने शुक्रवार को 27वीं बार पांच विकेट झटकने का कारनामा किया और पारी के अंत में दो विकेट लेकर अपने टेस्ट में विकेटों की संख्या 349 की. महाराज (31 गेंद में नौ रन) ने अश्विन की गेंद को मैदान से बाहर भेजने का प्रयास किया और डीप में कैच आउट हुए जो इस भारतीय गेंदबाज का छठा विकेट था. रबाडा भी अश्विन की स्लाइडर गेंद पर पगबाधा आउट हुए.