नई दिल्ली: भारतीय पूर्व क्रिकेटर राहुल राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को 'द वॉल' के नाम से भी जाना जाता है. राहुल द्रविड़ हमेशा मुश्किल परिस्थिति में क्रीज पर डटे रहते थे. चाहे सामने दुनिया का कोई भी घातक गेंदबाज क्यों ना हो. राहुल का धैर्य उनकी बल्लेबाजी में ही नहीं बल्कि मैदान के बाहर उनके स्वभाव में भी नजर आता है. आज हम आपको इस दिग्गज भारतीय खिलाड़ी की लव स्टोरी के बारे में बताएंगे.. आखिर डॉक्टर विजेता को कैसे दिल दे बैठे थे राहुल द्रविड़.
राहुल द्रविड़ पहली बार विजेता पेंढारकर से परिवारों की मुलाकात के दौरान मिले थे. 1976 में जन्मीं मेडिकल सर्जन विजेता के पिता भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर थे और उनके पिता की नौकरी के कारण उनका बचपन कई शहरों में बीता. इस बीच साल 1968 से 1971 के बीच विजेता के पिता की पोस्टिंग बैंगलोर में हुई, जहां राहुल और विजेता के पिता दोनों अच्छे दोस्त बन गए. देखते ही देखते दोनों का परिवार बेहद करीब आ गया.
इसके बाद राहुल के पिता शरद काम के चलते नागपुर आ गए और वहीं पिता के रिटायरमेंट के बाद विजेता भी नागपुर शिफ्ट हो गईं. विजेता ने नागपुर से ही 12वीं की पढ़ाई की और 2002 में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और इसी दौरान राहुल और विजेता अच्छे दोस्त बन गए. कुछ मुलाकातों के बाद दोनों की दोस्ती देखते ही देखते प्यार में बदल गई.
जैसे ही परिवार को दोनों के प्यार के बारे में बता चला तो उन्होंने शादी की तारीख तय कर दी. दोनों परिवारों ने साल 2002 में शादी तय की थी. लेकिन उस वक्त भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ वर्ल्ड कप 2003 की तैयारी में बिजी थे. जिसके बाद दोनों के परिवार ने फैसला किया कि विश्व कप के बाद दोनों की शादी की तारीख तय की जाएगी. मगर दोनों की इंगेजमेंट करवा दी गई थी. भारत को 2003 के विश्व कप के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार झेलनी पड़ी. ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 125 रनों से मात दी. ये मुकाबला आज भी भारतीय क्रिकेट फैन्स के जहन में ताजा है.
राहुल और विजेता की शादी 4 मई 2003 को बैंगलोर के बीएसएफ सेंटर में महाराष्ट्रियन रीति-रिवाजों से हुई. 2005 में विजेता ने एक बेटे को जन्म दिया. इस वक्त राहुल द्रविड़ और विजेता के दो बेटे हैं. बड़े बेटे का नाम समित और छोटे बेटे का नाम अन्वय है.
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