दूसरे खिलाड़ियों के मुकाबले भारतीय क्रिकेटर्स को ज्यादा नुकसान, ट्रेनिंग की नहीं है जगह: पूर्व फिजियो
ग्लॉस्टर साल 2005 से लेकर 2008 तक टीम इंडिया का हिस्सा रह चुके हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के खिलाड़ियों के मुकाबले भारतीय क्रिकेटर्स को ज्यादा नुकसान है क्योंकि उनके पास घर के अलावा फिटनेस के लिए कुछ है नहीं. जबकि दूसरे खिलाड़ियों के पास अपना जिम और छोटे मैदान हैं.
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेटर्स को लेकर टीम के पूर्व फिजियो जॉन ग्लॉस्टर ने बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान ट्रेनिंग की ज्यादा जगह न होने के कारण खिलाड़ियों की फिटनेस खराब हो सकती है. क्योंकि कोई भी खिलाड़ी ट्रेनिंग नहीं कर पा रहा है.
कोरोना वायरस का प्रकोप पूरी दुनिया में फैलता जा रहा है ऐसे में अब तक दुनिया में 6 लाख से ज्यादा केस और 27000 लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं भारत में ये आंकड़ा 1000 के पार पहुंच चुका है.
दुनिया के सभी एथलीट्स अपने आप को सेल्फ आइसोलेशन में रख रहे हैं. इसमें कई क्रिकेटर्स भी शामिल हैं. इस दौरान सभी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. इसमें इंग्लैंड के क्रिकेटर्स बेन स्टोक्स और जोस बटलर लगातार अपने होम वर्कआउट का वीडियो शेयर कर रहे हैं.
ऐसे में ग्लॉस्टर ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से कहा कि, एक तरफ आपके पास दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी हैं जिनके पास खुद का जिम है तो वहीं भारतीय खिलाड़ी भी हैं जो अपने घरों में बंद हैं और वर्कआउट नहीं कर पा रहे हैं. यहां टीम इंडिया के खिलाड़ियों को नुकसान है क्योंकि वो अपना फिटनेस बरकरार नहीं रख पा रहे हैं.
बता दें ग्लॉस्टर ने टीम इंडिया के लिए साल 2005 से लेकर 2008 तक काम किया है. लॉकडाउन के बाद सभी खिलाड़ियों को मैच खेलने होंगे वो भी बिना किसी अभ्यास के.