12 साल बाद टीम को नहीं मिला कोई मेडल, सीनियर खिलाड़ियों का जवाब; मारिन के सेलेक्शन में थी कमी
टीम के सीनियर खिलाड़ियों ने अधिकारियों से मुलाकात कर कहा कि, अगर टीम गोल्ड कोस्ट पहुंचने से पहले एक बड़ा टूर्नामेंट खेलती तो कॉमनवेल्थ खेलों में टीम को उससे काफी मदद मिलती.
नई दिल्ली: गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ खेल 2018 में भारतीय पुरूष हॉकी टीम का प्रदर्शन सम्मानजनक नहीं रहा. और भारतीय टीम को चौथे स्थान से ही संतुष्ट होना पड़ा. टीम के सीनियर खिलाड़ियों ने हॉकी इंडिया को कहा है कि टीम गोल्ड कोस्ट में और अच्छा प्रदर्शन कर सकती थी अगर ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले टीम को और अधिक मैच खेलने का मौका मिलता.
टीम के सीनियर खिलाड़ी- कप्तान मनप्रीत सिंह, गोलकीपर पीआर श्रीजेश, एसवी सुनील और रूपिंदर पाल सिंह ने हॉकी इंडिया के अधिकारियों के साथ मंगलवार को बैठक की और टीम के हार के पीछे का कारण बताया. इस मीटिंग में भारतीय टीम के कोच शोर्ड मारिन छुट्टी पर होने के कारण शामिल नहीं हो पाए.
12 सालों में पहली बार टीम बिना मेडल के घर लौटी
आपको बता दें कि गोल्ड कोस्ट में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन से एक तरफ फैंस तो नाराज हैं ही साथ में खिलाड़ी भी खुश नहीं हैं. टीम के खराब प्रदर्शन से 2010 के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब टीम फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई तो वहीं 2006 के बाद पहली बार टीम अपने देश बिना किसी मेडल के लौटी है. भारतीय टीम को सेमीफाइनल में जहां न्यूजीलैंड के हाथों हार का मुंह देखना प़ड़ा तो वहीं ब्रॉन्ज मेडल के लिए भी उसे इंग्लैंड की टीम के हाथों मात खानी पड़ी. खिलाड़ियों ने अपना बचाव करते हुए कहा कि, '' गेम से पहले हमें एक दूसरे को जानने और समझने का मौका नहीं मिला. '' खिलाड़ियों ने आगे कहा कि अगर हम गोल्ड कोस्ट पहुंचने से पहले एक भी टूर्नामेंट खेल लेते तो कॉमनवेल्थ खेलों में और अच्छा प्रदर्शन कर सकते थे. हालांकि खिलाड़ियों ने सेलेक्शन और कोच की रणनीति को लेकर कुछ भी नहीं कहा.
युवा खिलाड़ियों के कारण सीनियर्स को होना पड़ा ड्रॉप
सरदार सिंह, रमनदीप सिंह और बिरेंद्र लाकरा जैसे रैगुलर खिलाड़ियों को युवा खिलाड़ियों के कारण ड्रॉप होना पड़ा. हालांकि गोल्ड कोस्ट जाने से पहले टीम ने एक भी बड़ा टूर्नामेंट नहीं खेला था. तो वहीं टीम के कोच ने कुछ खिलाड़ियों को अजलान शाह कप के लिए बचा कर रखा था.
कोच मारिन का टीम सेलेक्शन नहीं था खास
हालांकि कुछ युवा खिलाड़ी जैसे विवेक सागर प्रसाद, दिलप्रीत सिंह, सुमित और गुरिंदर सिंह का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा था. जिससे कोच मारिन के सेलेक्शन पर सवाल उठाया जा सकता है. हॉकी इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि रिव्यू मीटिंग के दौरान इन सभी चीजों पर गौर किया गया है और आने वाले हफ्तों में इसपर काम भी किया जाएगा.
वहीं कुछ महीने पहले सरदार सिंह के लिए जहां टीम का दरवाजा बंद कर दिया गया था जिसके बाद वो अगले हफ्ते से बैंगलोर में होने वाले नेशनल कैंप में टीम के साथ जुड़ सकते हैं.
सरदार सिंह कर सकते हैं वापसी
सरदार सिंह को टीम मैनेजमेंट द्वारा ये कह दिया गया था कि टीम को अब उनकी जरूरत नहीं है. तो वहीं मारिन और हाई परफॉर्मेंस के डायरेक्टर डेविड जॉन ने भी युवा खिलाड़ियों को ज्यादा महत्तव दिया था. हालांकि सरदार सिंह को टीम में शामिल न करने के बाद और टीम के प्रदर्शन को देखते हुए सोर्स से पता चला है कि, '' इस युवा टीम के लिए बड़े टूर्नामेंट जैसे ऐशियन गेम्स और बाद में विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करना चैलेंजिंग हो सकता हैं क्योंकि टीम अभी अनुभवहीन है. ''