India at CWG 2022: लंदन में साल 1934 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में भारत ने पहली बार हिस्सा लिया था. भारत को एथलेटिक्स (Athletics) में अपना पहला मेडल हासिल करने में 24 साल लग गए. 1958 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में मिल्खा सिंह ने 440 यार्ड्स रेस में भारत को गोल्ड दिलाया था. इसके बाद साल 2002 तक यानी 44 साल के अंतराल में भारत को एथलेटिक्स में इक्का-दुक्का मेडल मिले. कॉमनवेल्थ गेम्स 2002 से भारतीय खिलाड़ी लगातार एथलेटिक्स में मेडल जीतने लगे. अब जब बर्मिंघम (Birmingham) में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स में 8 मेडल दिलाए हैं तो यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. इस कॉमनवेल्थ गेम्स से भारतीय खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स में नई उम्मीद जगाई है.


बर्मिंघम से पहले यानी 1934 से लेकर 2018 तक भारत ने 19 कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया था. इन 19 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को एथलेटिक्स में केवल 28 पदक हासिल हुए थे. नई दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में भारतीय खिलाड़ियों ने 12 एथलेटिक्स मेडल जीते थे. एथलेटिक्स में यह भारत का अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है. हालांकि इस बेस्ट प्रदर्शन के पीछे बड़ा कारण यह था कि इस कॉमनवेल्थ गेम्स में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों से कई बड़े खिलाड़ी शामिल नहीं हुए थे. इसके बाद साल 2014 और 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के हिस्से 3-3 एथलेटिक्स मेडल ही आ पाए थे. 


बर्मिंघम में भारतीय खिलाड़ियों ने एथलेटेक्स में लाजवाब प्रदर्शन किया. यहां भारत को 8 एथलेटिक्स मेडल हासिल हुए. ज्यादातर मेडल्स इतिहास रचते हुए आए. तेजस्विन शंकर, श्रीशंकर मुरली, एल्डोस पॉल, अब्दुल्ला अबुबकर, संदीप कुमार, अन्नू रानी, प्रियंका गोस्वामी और अविनाश मुकंद साबले भारत के लिए एथलेटिक्स में हीरो साबित हुए. इन खिलाड़ियों ने भारत को एथलेटिक्स में एक गोल्ड, चार सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल दिलाए.


तेजस्विन की हाई जंप और श्रीशंकर की लंबी छलांग
बर्मिंघम में भारत को सबसे पहला एथलेटिक्स मेडल तेजस्विन शंकर ने दिलाया. उन्होंने हाई जंप में 2.22 मीटर ऊंची छलांग लगाकर ब्रॉन्ज जीता. कॉमनवेल्थ के अब तक के इतिहास में हाई जंप में यह भारत का पहला पदक था. इसके बाद मुरली श्रीशंकर ने इतिहास रचा. उन्होंने पुरुषों के लॉन्ग जंप फाइनल में 8.08 मीटर के बेस्ट जंप के साथ रजत पदक जीता. इस पदक के साथ श्रीशंकर कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में लॉन्ग जंप इवेंट में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाले भारत के पहले पुरुष एथलीट भी बन गए.


प्रियंका और अविनाश का पर्सनल बेस्ट रिकॉर्ड
कॉमनवेल्थ गेम्स में 9वें दिन भारत को एथलेटिक्स में दो और बड़ी सफलताएं मिलीं. पुरुषों की 3000 स्टीपलचेज में भारत के अविनाश मुकुंद साबले ने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (8 मिनट 11.20 सेकंड) करते हुए सिल्वर जीता. वहीं महिलाओं की 10,000 मीटर रेस वॉक में भारत की प्रियंका ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया. उन्होंने भी यहां अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (43 मिनट 38.83 सेकंड) करते हुए मेडल जीता.


ट्रिपल जंप में ऐतिहासिक दो मेडल
कॉमनवेल्थ गेम्स के 10वें दिन एथलेटिक्स में चार मेडल बरसे. महिलाओं की जैवलिन थ्रो स्पर्धा में अन्नू रानी ने 60 मीटर दूर भाला फेंकते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता. उधर, पुरुषों की 10000 मीटर पैदल चाल में संदीप ने 38:42.33 मिनट का समय निकालकर कांस्य पदक जीत लिया. इस दिन एथलेटिक्स में दो बड़ी सफलताएं पुरुषों के ट्रिपल जंप इवेंट में आई. यहां दो भारतीय एथलीट ने मेडल जीते. भारत के अब्दुल्ला अबुबकर ने 17.02 मीटर लंबी छलांग लगाकर सिल्वर मेडल अपने नाम किया और एल्डोस पॉल ने 17.03 मीटर की छलांग लगाकर गोल्ड जीता. कॉमनवेल्थ के इतिहास में किसी एक एथलेटिक्स इवेंट में भारत को पहली बार दो पदक मिले.


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