Indian Women's Hockey Team: ढाई साल में ही कैसे अर्श से फर्श पर पहुंच गई भारतीय महिला हॉकी टीम?
Hockey: साल 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम नजर नहीं आएगी. शुक्रवार (19 जनवरी) को जापान से हारने के बाद भारतीय टीम ने पेरिस ओलंपिक में पहुंचने की दौड़ से बाहर हो गई है.
Indian Women's Hockey: टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपना अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन किया था. तब भारतीय टीम सेमीफाइनल तक पहुंची थी. लेकिन महज ढाई साल के अंतराल में ही टीम की ऐसी दुर्गति हुई कि अब वह पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई तक नहीं कर पाई. भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ियों के साथ-साथ यह हर भारतीय खेल प्रेमी के लिए बड़ा झटका है.
शुक्रवार (19 जनवरी) को भारतीय महिला हॉकी टीम को पेरिस ओलंपिक 2024 में क्वालिफाई करने के लिए हर हाल में जापान को शिकस्त देनी थी लेकिन वह यह मुकाबला हार बैठी. जापान ने भारत को 1-0 से हराकर करोड़ों खेल प्रेमियों की उम्मीदों को तोड़ दिया. भारतीय टीम को यहां 9 पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन वह इनमें से एक को भी गोल में तब्दील नहीं कर पाई. उधर, जापान की काना उराता ने पेनल्टी कॉर्नर पर ही गोल दागकर अपनी टीम को लीड दिलाई थी.
बहरहाल, यह मुकाबला खत्म हो गया है और इसी के साथ भारतीय महिला हॉकी टीम के पेरिस ओलंपिक की उम्मीद भी समाप्त हो गई है. अब सिर्फ कुछ सवाल हैं, जिनके जवाब मिलने बाकी हैं. इनमें सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिरी ढाई साल में ऐसा क्या कुछ हुआ कि टोक्यो में चौथे पायदान पर रहकर वाहवाही लुटने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम आज पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई तक नहीं कर पाई?
A performance that we all can take pride in.
— Hockey India (@TheHockeyIndia) January 19, 2024
It just wasn't meant to be.
Full-time:
India 🇮🇳 0 - Japan 🇯🇵 1
Goal Scorer:
6' Urata Kana#HockeyIndia #IndiaKaGame #EnRouteToParis@CMO_Odisha @FIH_Hockey @IndiaSports @sports_odisha @Media_SAI @HemantSorenJMM pic.twitter.com/fT1buvb4a9
क्या कुछ गड़बड़ी थी?
पिछले साल की शुरुआत से महिला हॉकी में थोड़ी उथल-पुथल नजर आई. रानी रामपाल जैसी दिग्गज खिलाड़ी को अच्छे परफॉर्मेंस के बावजूद भारतीय टीम में जगह नहीं मिल रही थी. एक इंटरव्यू में उन्होंने यह तक कह दिया था कि उन्हें टीम में जगह क्यों नहीं मिल पा रही है इसका जवाब हेड कोच जैनेकी शॉपमैन ही दे सकती है. यानी साफ था कि उनके और कोच के बीच कुछ मतभेद थे.
यह विवाद कुछ समय तक सुर्खियों में भी रहा लेकिन जब भारतीय टीम ने नवंबर में एशियन चैंपियनशिप 2023 जीत ली तो सारी बातें हवा में उड़ गई. पिछले साल ही भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपनी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग (6) भी हासिल की थी. 13 जनवरी से रांची में 8 टीमों के बीच जो ओलंपिक क्लालीफायर मुकाबले शुरू हुए इनमें भी भारत दूसरे नंबर की सर्वश्रेष्ठ टीम थी. लेकिन पता नहीं इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम को अचानक क्या हुआ कि वह जिन टीमों को हराती रही है, उनसे भी मात खा बैठी. यह लापरवाही थी, रणनीति का अभाव था, टीम मैनजमेंट में दिक्कत थी या बोर्ड की ओर से कुछ गलतियां थी, इन सब सवालों के जवाब आने वाले वक्त में मिलने की उम्मीद है.
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