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WWC17: ऑस्ट्रेलिया से 12 साल बाद बदला लेकर फाइनल में पहुंची टीम इंडिया
डर्बी: आज से ठीक 12 साल पहले विश्वकप के फाइनल में भारत को हराकर ऑस्ट्रेलिया ने करोड़ों हिन्दुस्तानियों का दिल तोड़ दिया था. लेकिन इस बार विश्वकप में भारत की शेरनियों ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को 36 रनों से करारी मात देकर वो बदला पूरा कर लिया है.
हरमनप्रीत कौर के तूफानी तेवर और गेंदबाज़ों की अच्छी गेंदबाज़ी से भारत ने मौजूदा चैंपियन आस्ट्रेलिया को 36 रन से हराकर फाइनल में प्रवेश एंट्री कर ली है. फाइनल में उसका मुकाबला रविवार को लाड्र्स में घरेलू टीम इंग्लैंड से होगा.
हरमनप्रीत ने भारतीय महिला वनडे की इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली. उन्होंने 115 गेंदों पर 20 चौकों और सात छक्कों की मदद से नाबाद 171 रन बनाये. हरमन की इस पारी की मदद से बारिश के कारण 42 ओवरों के कर दिये गये मैच में भारत ने चार विकेट पर 281 रन बनाये. आस्ट्रेलिया की टीम इसके जवाब में 40.1 ओवर में 245 रन पर आउट हो गयी.
आस्ट्रेलियाई पारी में एलिस विलानी (58 गेंदों पर 75 रन) और एलिस पेरी (38) ने चौथे विकेट के लिये 106 रन जोड़े जबकि एलेक्स ब्लैकवेल (56 गेंदों पर 90 रन) और क्रिस्टीन बीम्स (नाबाद 11) ने आखिरी विकेट के लिये 76 रन जोड़े लेकिन इससे हार का अंतर ही कम हुआ.
भारत दूसरी बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है. इससे पहले वह 2005 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गये टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा था जहां उसे आस्ट्रेलिया के हाथों हार झेलनी पड़ी थी. भारतीय टीम ने इस तरह से उस हार के अलावा मौजूदा टूर्नामेंट के लीग मैच में अपने इस प्रतिद्वंद्वी से मिली हार का भी बदला चुकता कर लिया. भारत अब फाइनल में उस इंग्लैंड से भिड़ेगा जिसे उसने लीग चरण के पहले मैच में शिकस्त दी थी.
टीम इंडिया की जीत असली हीरो हरमनप्रीत रही. उन्होंने कप्तान मिताली राज (36) के साथ तीसरे विकेट के लिये 66 और फिर दीप्ति शर्मा के साथ चौथे विकेट के लिये 137 रन की साझेदारी की. इसमें दीप्ति का योगदान केवल 25 रन का था. दीप्ति के नाम पर ही भारत की तरफ से वनडे में सर्वाधिक स्कोर का रिकार्ड है. उन्होंने इसी वर्ष आयरलैंड के खिलाफ पोटचेफ्सट्रूम में 188 रन बनाये थे. हरमनप्रीत ने अंतिम ओवरों में वेदा कृष्णमूर्ति (नाबाद 16) के साथ केवल 20 गेंदों पर 43 रन जोड़े.
हरमनप्रीत ने शुरू में क्रीज पर पांव जमाने में समय लगाया. उन्होंने पहले 50 रन के लिये 64 गेंदें खेली. इसके बाद अगले 50 रन उन्होंने 26 गेंदों में बनाये जबकि 100 से 150 रन तक पहुंचने में उन्होंने केवल 17 गेंदें खेली. पारी के आखिरी ओवरों में तो उनके बल्ले से केवल चौके और छक्के निकल रहे थे.
आस्ट्रेलिया के सामने बड़े लक्ष्य का दबाव था और इसका असर शुरू में ही उसकी बल्लेबाजों पर दिखा. भारतीयों की कसी हुई गेंदबाजी के सामने उसने आठवें ओवर तक बेथ मूनी (एक), कप्तान मेग लैनिंग (शून्य) और निकोल बोल्टन (14) के विकेट गंवा दिये जिससे उसका स्कोर तीन विकेट पर 21 रन हो गया. भारत को जल्द ही विलानी का विकेट भी मिल जाता लेकिन जब वह दस रन पर थी तब शिखा पांडे ने उनका कैच छोड़ दिया. उन्होंने इसके बाद तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी की तथा पूनम यादव के एक ओवर में तीन चौके लगाकर अपना अर्धशतक पूरा किया. जब विलानी खतरनाक रूप धारण कर चुकी थी तब राजेश्वरी गायकवाड़ की गेंद पर उन्होंने आगे बढ़कर शाट खेला जो मिड आन पर खड़ी स्मृति मंदाना के पास पहुंच गया. विलानी ने अपनी पारी में 13 चौके लगाये.
इसके बाद शिखा पांडे ने अपनी ही गेंद पर पेरी का कैच लपक दिया जिससे आस्ट्रेलिया की लक्ष्य तक पहुंचने की उम्मीदें भी समाप्त हो गयी. उसने बीच में इन दोनों के अलावा 28 रन के अंदर कुल पांच विकेट गंवाये. ब्लैकवेल ने हालांकि हार नहीं मानी और कुछ करारे शाट जमाये. गायकवाड़ पर लगातार दो छक्के जड़कर उन्होंने भारतीयों को सोचने के लिये मजबूर कर दिया, लेकिन वह शतक पूरा नहीं कर पायी. उन्होंने अपनी पारी में दस चौके और तीन छक्के लगाये.
भारत की तरफ से दीप्ति शर्मा 59 रन देकर तीन जबकि झूलन गोस्वामी और शिखा पांडे ने दो . दो विकेट लिये. इससे पहले बारिश के कारण मैच लगभग तीन घंटे की देरी से शुरू हुआ और मैच 42 - 42 ओवर का कर दिया गया. मिताली ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखायी लेकिन स्मृति मंदाना (छह) लगातार छठे मैच में अच्छी शुरूआत देने में नाकाम रही और मेगान स्कट के पारी के पहले ओवर में आउट हो गयी. दूसरी सलामी बल्लेबाज पूनम राउत (14) भी क्रीज पर पर्याप्त समय बिताने के बाद आफ स्पिनर एशलीग गार्डनर की डीप मिडविकेट पर कैच दे बैठी.
न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले मैच में शतक जड़ने वाली मिताली ने संभलकर बल्लेबाजी की और इस बीच हरमनप्रीत ने दूसरे छोर से स्ट्राइक रोटेट करके उनका बखूबी साथ निभाया. मिताली को क्रिस्टीन बीम्स की गेंद पर जीवनदान मिला लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पायी और इस लेग स्पिनर की अगली गेंद पर बोल्ड हो गयी.
अब तक टूर्नामेंट में बल्लेबाजी का ज्यादा मौके नहीं पाने वाली हरमनप्रीत बीती रात पूरे रंग में थी. उन्होंने विशेष रूप से स्पिनरों को अपने निशाने पर रखा. इस 28 वर्षीय बल्लेबाज ने बीम्स की गेंद पर पारी का पहला छक्का लगाया. उन्होंने दूसरी स्पिनर जेस जोनासेन को भी नहीं बख्शा और उनके एक ओवर में दो चौके जड़ने के बाद बायें हाथ की इस स्पिनर के अगले ओवर में लगातार गेंदों को छह और चार रन के लिये भेजा.
उन्होंने बीम्स की गेंद पर तेजी से दो रन चुराकर वनडे में अपना तीसरा शतक पूरा किया. इस बीच रन चुराने में ढिलायी बरतने के लिये वह दीप्ति पर चिल्लायी भी जिसके लिये बाद में उन्होंने अपनी इस जूनियर साथी से माफी भी मांगी.
हरमनप्रीत ने शतक पूरा करने के लिये उन्होंने 90 गेंदें खेली तथा 12 चौके और दो छक्के लगाये. इसके बाद तो उन्हें केवल बाउंड्री नजर आ रही थी और आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को समझ में नहीं आ रहा था कि बिग बैश में उनके साथ खेल चुकी इस बल्लेबाज के लिये कहां गेंद करें.
हरमनप्रीत ने गार्डनर पर लगातार दो छक्के और दो चौके लगाकर अपना पिछला सर्वश्रेष्ठ स्कोर (107 रन) पार किया. गार्डनर ने अपने पहले सात ओवरों में केवल 20 रन दिये थे लेकिन इस ओवर में वह 23 रन लुटा गयी. उन्होंने स्कट पर दो चौके लगाने के बाद विलानी की गेंद छक्के और चौके लिये भेजी और फिर जल्द ही अपने 150 रन पूरे किये. इसके बाद उन्होंने आठ गेंदों पर 21 रन बनाये जिसमें जोनासन की लगातार गेंदों पर लगाये गये छक्के भी शामिल हैं. जोनासन ने सात ओवरों में 63 जबकि स्कट ने नौ ओवरों में 64 रन लुटाये.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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