गॉल: टीम इंडिया के स्टार स्पिनर आर अश्विन श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट में 50 टेस्ट खेलने वाले गेंदबाज़ बन जाएंगे. लेकिन अपने 50वें टेस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि खुद के लिये उन्होंने कोई नये लक्ष्य नहीं बनाये हैं. उनका कहना है कि यह ऐसा सबक है जो उन्होंने बीते समय से सीखा है.


अश्विन ने कहा, ‘‘बीते समय में मैंने भले ही कुछ लक्ष्य बनाये हों लेकिन भविष्य को देखते हुए मैं कोई लक्ष्य नहीं बनाऊंगा क्योंकि यह चीज बीते समय ने मुझे सिखाई है. आप खुद से आगे नहीं जा सकते और आप कोई मील के पत्थर तय नहीं कर सकते.’’

उन्होंने कहा,‘‘सबसे अहम चीज यही है कि आप हर दिन बेहतर बनते जाओ क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काफी मुश्किलों से भरा हो सकता है. अगर आप बीते समय की चीजों को ही लेकर बैठे रहोगे तो यह आपको अगल थलग कर देगा. लेकिन हां, आप एक कप काफी पीते हुए बीते प्रदर्शन को याद रख सकते हो, लेकिन आगे बढ़ना और टेस्ट मैच खेलना काफी अहम है जिसमें एक दिन पर ही ध्यान लगाओ.’’

अश्विन का कहना है कि उन्हें याद नहीं कि वह पचास टेस्ट मैचों तक किस तरह पहुंचे. उन्होंने 49 टेस्ट में 275 विकेट झटके हैं और उनका मानना है कि 50 टेस्ट से वह अच्छी स्थिति में है, हालांकि वह नहीं जानते कि उनके लिये अभी कितने और मैच बचे हैं.

अश्विन ने पत्रकारों से कहा,‘‘50 टेस्ट मैंने कैसे पूरे किये, मैं याद नहीं कर सकता. लेकिन मैं शुक्रगुजार हूं कि मैं यहां तक पहुंचा और इसके बाद से हर टेस्ट मैच मेरे लिये अहम होगा.’’

अश्विन के लिये श्रीलंका का मैदान काफी यादगार रहा है, जिसमें उन्होंने 2015 दौरे पर गॉल में 10 विकेट झटके थे. अश्विन ने 27 बार पांच विकेट अपने नाम किये हैं जबिक सात बार उन्होंने 10 विकेट की उपलब्धि हासिल की है.

उन्होंने कहा,‘‘उसी स्थान पर वापस आना, जहां मैंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है, सपने के सच होने जैसा है. यह मेरे लिये तब महत्वपूर्ण अवसर था क्योंकि मैं टेस्ट टीम में वापसी कर रहा था. मुझे इस मैच में 10 से अधिक विकेट मिले. इससे बहुत सारी अच्छी यादें ताजा हो जाती हैं. ’’ उन्होंने हालांकि यह अंदाजा नहीं लगाया कि वह कितने और टेस्ट खेलेंगे लेकिन उन्होंने कहा कि अभी तक के इस सफर ने उन्हें अच्छी लय में रखा है.

तैयारी बदल जाने के सावल पर उन्होंने कहा,‘‘तैयारी का समय और सारी चीजें एक सी हैं. लेकिन मैं बतौर क्रिकेटर अपनी जागरूकता और अनुभव को महसूस कर सकता हूं. आज भी मैं अनुभव और सीख को अपने अभ्यास में शामिल करता हूं.’’