सौजन्य: BCCI

नई दिल्ली/दामबूला: मंजिल पर पहुंचते-पहुंचते रास्ता कैसे भटका जाता है ये कोई श्रीलंकाई बल्लेबाज़ों से सीखे. पहले 2 विकेट के लिए 139 रन जोड़ने के बाद श्रीलंकाई टीम कुछ इस तरह से बिखरी कि पूरी टीम महज़ 216 रन बनाकर ऑल-आउट हो गई. श्रीलंका के लिए निरोशन डिकवेला ने सबसे ज्यादा 64 रन बनाए. भारतीय गेंदबाज़ों ने कप्तान विराट कोहली का टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का करने का फैसला पूरी तरह से सही साबित कर दिया.

टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी श्रीलंकाई टीम की शुरूआत बेहद शानदार रही. ओपनर बल्लेबाज़ निरोशन डिकवेला और दनुष्का गुणाथिलाका ने टीम को 74 रनों की ओपनिंग साझेदारी. लेकिन 14वें ओवर में युजवेंद्र चहल ने भारतीय कप्तान को ज़रूरी पहला विकेट दिला दिया. चहल ने गुणाथिलाका को 35 रनों के स्कोर पर वापस पवेलियन भेजा. पहला विकेट गिरने के बाद डिकवेला ने मेंडिस के साथ टीम को 100 रनों के पार पहुंचाया. दोनों बल्लेबाज़ अच्छी बल्लेबाज़ी भी कर रहे थे. लेकिन तभी केदार जाधव ने अर्धशतक पूरा कर चुके डिकवेला को एलबीडबल्यू आउट कर मैच में टीम इंडिया की वापसी करवा दी.

दूसरे विकेट के लिए दोनों बल्लेबाज़ों ने 64 रन जोड़े. लेकिन पहले 2 विकेटों के लिए इन दो साझेदारियों के अलावा और किसी भी विकेट के लिए श्रीलंकाई टीम टिककर नहीं खेल सकी.

दोनों ओपनर बल्लेबाज़ों के लौटने के बाद श्रीलंकाई टीम ने निरंतर अंतराल में विकेट गंवाए. टीम के 150 रनों के स्कोर पर अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहे मेंडिस एक खराब शॉट खेलकर अक्षर पटेल की गेंद पर बोल्ड हो गए. उनके आउट होने के बाद कप्तान उपुल थरंगा भी कोई कमाल नहीं दिखा सके और महज़ 13 रन बनाकर केदार जाधव की फुल-टॉस गेंद पर एक खराब शॉट खेलकर बाउंड्री लाइन पर लपके गए. कप्तान के विकेट के बाद कपूगेडरा, डिसिल्वा, परेरा और संदाकन भी जल्दी-जल्दी पवेलियन लौट गए. जिसके बाद श्रीलंकाई टीम का स्कोर 187 पर 8 हो गया.

भारतीय गेंदबाज़ों के आगे पूरी श्रीलंकाई टीम धराशायी नज़र आई. अंत में मैथ्यूज़ ने टीम के स्कोर को 200 रनों के पार पहुंचाया. लेकिन दूसरे छोर पर कोई साथ नहीं मिल पाने की वजह से वो भी टीम को ज्यादा दूर तक नहीं पहुंचा सके और पूरी टीम महज़ 216 रन बनाकर ऑल-आउट हो गई. मैथ्यूज़ ने नाबाद 36 रन बनाए.

भारत के लिए अक्षर पटेल ने 3, जाधव, बुमराह और चहल ने 2-2 विकेट चटकाए. जबकि 1 खिलाड़ी रन-आउट हुआ.

इस मुकाबले को जीतकर भारतीय टीम अब वनडे सीरीज़ में भी 1-0 से बढ़त बनाना चाहेगी, 216 रनों के लक्ष्य को हासिल करना भारतीय बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किल नहीं लगता.