नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने राष्ट्रमंडल खेलों के लिए अधिकारियों के दल में कांट—छांट पर कड़े शब्दों में खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण को चेतावनी दी है. आईओए ने कहा है कि 'मूंछ के सवाल' पर खेलों से अनजान अधिकारी नाम काटे जा रहे हैं, अगर इस वजह से भारत का प्रदर्शन खराब रहता है तो मंत्रालय और खेल प्राधिकरण को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी.


आईओए ने खेल मंत्रालय के पास चार से 15 अप्रैल तक होने वाले गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के लिये 222 खिलाड़ियों के अलावा कोच और मैनेजरों सहित 95 अन्य अधिकारियों के नाम भेजे थे. रिपोर्टों के अनुसार खेल मंत्रालय ने इनमें से 21 अधिकारियों के नाम काट दिये हैं जिनमें कुछ कोच और मैनेजर भी शामिल हैं.


इस घटनाक्रम के बाद खेल मंत्रालय और आईओए में फिरे से टकराव की स्थिति पैदा हो गयी है. आईओए अध्यक्ष नरिंदर ध्रुव बत्रा ने मंत्रालय के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया.


बत्रा ने राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय दल के आधिकारिक रवानगी कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, 'हमें पता चला है कि 21 अधिकारियों के नाम काट दिये गये हैं. कुछ ऐसे लोग फैसले कर रहे हैं जिन्हें नियमों का पता नहीं है. पंद्रह दिन से भी कम समय रह गया है और तब मुझे इस सबके लिये जूझना पड़ रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.’’


उन्होंने इस संदर्भ में इंचियोन एशियाई खेलों का उदाहरण दिया जब मैनेजर नहीं होने के कारण सरिता देवी को एक पत्रकार से धनराशि उधार लेकर अपना विरोध व्यक्त करना पड़ा था.


बत्रा ने कहा, ‘‘इंचियोन में सरिता देवी के साथ क्या हुआ था सभी जानते हैं. उनके साथ तब मैनेजर नहीं था जबकि विरोध मैनेजर दर्ज करवाता है. इस तरह की स्थिति पैदा होने पर फिर क्या होगा. जितने भी अधिकारी जा रहे हैं वास्तव में उनकी जरूरत है लेकिन मंत्रालय के अधिकारियों के लिये यह मूंछ का सवाल बन गया है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘अगर कल किसी खिलाड़ी का प्रदर्शन प्रभावित होता है तो फिर उसकी जिम्मेदारी मंत्रालय की होगी. आईओए का काम पोस्टमैन का होता है और हमने वही सूची मंत्रालय को सौंपी है जो एनएसएफ (राष्ट्रीय खेल महासंघों) ने हमें दी थी लेकिन दुर्भाग्य से फिजियो, मैनेजर और यहां तक कि कोच के नाम काट दिये गये हैं. ’’


बत्रा ने कहा, ‘‘यहां तक कि एक डॉक्टर (फिजिशियन) का नाम काट दिया गया है जिसे उन सभी दवाईयों का ज्ञान है जिनके कारण कोई खिलाड़ी डोपिंग में फंस सकता है. अगर किसी खिलाड़ी ने खांसी होने पर गलत दवा ले ली तो फिर उसका करियर बर्बाद हो सकता है और इसकी जिम्मेदारी मंत्रालय की होगी.’’


आईओए ने जो सूची मंत्रालय के पास भेजी है उनमें 21 अतिरिक्त अधिकारी भी हैं और बत्रा ने दावा किया कि ये सभी अधिकारी एनएसएफ के खर्चों पर जा रहे हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘हमने इन्हें अतिरिक्त अधिकारी का नाम दिया है भले ही इनकी दल में सख्त जरूरत है. उन्हें महासंघ अपने खर्चे पर ले जा रहे हैं. आईओए से केवल 11 अधिकारी जा रहे हैं लेकिन खेल मंत्रालय से कई अधिकारी जा रहे हैं. क्या उनके नाम भी काटे जा रहे हैं. ’’


इस बीच आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि उन्हें अभी तक मंत्रालय से आधिकारिक सूची नहीं मिली है लेकिन जब भी उन्हें सूची मिलेगी वह इस पर विरोध दर्ज करेंगे.


मेहता ने कहा, ‘‘हम सूची मिलने पर आधिकारिक विरोध दर्ज करेंगे. हम उनसे इसका कारण भी पूछेंगे. ’’