नई दिल्ली: मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में कल खेले गए आईपीएल 2018 के सीजन 11 में चेन्नई सुपर किंग्स ने सनराइजर्स हैदराबाद को 8 विकेट से हरा दिया. 179 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए शेन वॉटसन की 117 रनों की धमाकेदार पारी ने चेन्नई को जीत दिला दी. शेन वॉटसन ने मात्र 57 गेंदों में 117 रनों की पारी खेली.
आपको बता दें इस जीत के साथ चेन्नई आईपीएल के इतिहास में दूसरी ऐसी टीम बन गई है जिसने टूर्नामेंट पर तीसरी बार अपना कब्जा जमाया है. इससे पहले ये कारनामा मुंबई इंडियंस के नाम था जब उन्होंने फाइनल में राइजिंग पुणे सुपरजाएंट को मात्र 1 रन से हराकर खिताब पर कब्जा कर किया था.
आपको बता दें कप्तान के तौर पर T20 में यह एमएस धोनी की 150वीं जीत थी. उनके इस रिकॉर्ड के आसपास भी कोई खिलाड़ी नहीं है. धोनी के बाद कप्तान के तौर पर गौतम गंभीर के नाम 98 जीत दर्ज है.
IPL के सभी सीजन में चेन्नई ने किया है क्वालीफाई
चेन्नई ने तकरीबन 2 साल बाद लीग में वापसी की. इससे पहले वो 2010 और 2011 में खिताब अपने नाम कर चुकी है तो वहीं 2018 के सीजन 11 में भी जीत दर्ज कर ये टीम का तीसरा खिताब है. आपको बता दें कि ये चेन्नई का 7वां आईपीएल फाइनल था तो वहीं कप्तान धोनी का आठवां. धोनी इससे पहले राइजिंग पुणे सुपरजाएंट को फाइनल तक पहुंचा चुके हैं. टीम ने अभी तक नौ सीजने खेले हैं और सभी बार टीम ने क्वालीफाई किया है.
साल 2010, 2011 और 2018 में रह चुकी है चैंपियन
चेन्नई सुपर किंग्स ने पहला आईपीएल खिताब 2010 में जीता था जब टीम ने फाइनल में मुंबई इंडियंस को 22 रनों से हराया था. टीम ने उसी साल धोनी की कप्तानी में चैंपियंस टी-20 का खिताब भी अपने नाम किया था. वहीं अगर हम 2011 की बात करें तो टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को 63 रनों से हराकर खिताब पर कब्जा किया था. और कल यानी की मुंबई के वानखेड़े में खेले गए मुकाबले में टीम ने सनराइजर्स हैदराबाद को 8 विकेट से हराकार खिताब पर कब्जा किया.
टीम 4 बार रह चुकी है रनरअप ( साल 2008,12,13,15)
चेन्नई सुपरकिंग्स ने जब 2008 में आईपीएल की शुरूआत की थी तो किसी ने नहीं सोचा था कि ये टीम 2 बार आईपीएल का खिताब जीतने के बाद 2 साल के लिए आईपीएल से बाहर हो जाएगी. आपको बता दें कि टीम ने 2016 और 2017 के सीजन में आईपीएल में हिस्सा नहीं लिया था. लेकिन सबसे रोमांचक रही टीम की 2018 की जीत क्योंकि चेन्नई ने वापसी की, टीम के सभी खिलाड़ी फिर से साथ आए और टीम ने अपने जीत के कारनामे को फिर से दोहराया जिसके लिए वो जानी जाती थी. टीम 2008 में राजस्थान के हाथों 3 विकेट से हार जाने के बाद रनरअप रही थी. टीम 2008 के चैंपियंस लीग टी-20 के लिए भी क्वालीफाई कर चुकी थी लेकिन मुंबई हमले के कारण उस टूर्नामेंट को कैंसिल करना पड़ा.
वहीं अगर 2012 की बात करें तो कोलकाता ने चेन्नई को फाइनल में 5 विकेट से हरा दिया था जबकि सीजन 2013 में टीम एक बार फिर फाइनल में थी और सामने टीम थी मुबई इंडियंस. चेन्नई के 39 रनों पर 6 विकेट गिर गए थे जिसके बाद मुंबई ने ये मैच 23 रनों से अपने नाम कर लिया. 2015 में फिर उसे मुंबई इंडियंस के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. टीम फाइनल में मुंबई से 41 रनों से हारने के बाद रनरअप रही थी.
2014 में रही तीसरे पायदान पर
वहीं अगर हम 2014 की बात करें तो टीम क्वालीफाई करने में तो कामयाब रही लेकिन क्वालीफायर दो में किंग्स इलेवन पंजाब के हाथों मिले 24 रनों के हार के कारण टीम फाइनल तक नहीं पहुंच पाई और तीसरे पायदान पर ही रही. हालांकि टीम ने अपने प्रदर्शन के बलबूते 2014 के चैंपियंस लीग टी-20 के लिए क्वालीफाई कर लिया था.
2009 के सेमीफाइनल मुकाबले में मिली थी हार
चेन्नई सुपर किंग्स ने इस साल 14 मैचों में कुल 17 प्वाइंट्स कमाए थे. लेकिन सेमीफाइनल में उसे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से 6 विकेट से हार मिलने के बाद टीम फाइनल तक नहीं पहुंच पाई और टीम को चौथी टीम बन कर संतुष्ट होना पड़ा.
आईपीएल में अपने धमाकेदार प्रदर्शन की बदौलत चेन्नई अब उस राह पर चल चुकी है जहां दूसरी टीमों के लिए उसे हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लगता है. क्योंकि अगर तजुर्बे की बात की जाए तो वो उम्र ढलने के साथ ही बढ़ता है.