नई दिल्ली: ऐसा लग रहा है कि भारत के महान लेग स्पिनर अनिल कुंबले अपने आप को रवि बिश्नोई के अंदर देख रहे हैं. किंग्स इलेवन पंजाब में कुंबले ने बिश्नोई को अपनी छांव में ले लिया है और वह उनकी चुटकी फ्लिपर पर काम कर रहे हैं, जिसके लिए कुंबले जाने जाते थे. कुंबले की तरह ही बिश्नोई ने तेज गेंदबाज के तौर पर शुरुआत की थी. बाद में वह लेग स्पिनर बन गए. वह कुंबले की तरह कन्वेंशनल और तेज हैं, जैसे कुंबले थे. हालांकि उनका एक्शन थोड़ा अलग है.


बिश्नोई ने इसी साल अंडर-19 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया था और 17 विकेट लेकर टूर्नामेंट मे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे. आईपीएल-13 में उन्होंने पदार्पण किया और लगातर अपनी फिरकी से सभी को प्रभावित किया. सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ खेले गए मैच में उन्होंने डेविड वार्नर और जॉनी बेयरस्टो को एक ही ओवर में आउट कर दिया था. दोनों बल्लेबाज बिश्नोई की गेंदों में तेजी से हैरान रह गए थे. बेयरस्टो फ्लिपर पर पकड़े गए थे. यह हालांकि कुंबले से काफी अलग थी.


राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले बिश्नोई ने शाहरुख पठान और प्रदयोत सिंह राठौर द्वारा चलाई जा रही अकादमी में अभ्यास करते थे. उनके बचपन के कोच शाहरूख ने आईएएनएस से कहा, "मैं रवि के उदय से काफी खुश हूं. हमने उसे इस स्तर पर लाने में काफी मेहनत की है. मैंने उन्हें कुंबले के मार्गदर्शन में खेलता देख काफी खुश हूं. उन्हीं की तरह वो थोड़ा तेज गेंदबाजी करते हैं. मैंने रवि से पिछले दिन बात की थी. रवि ने मुझसे कहा कि वह चुटकी फ्लिपर सीख रहे हैं. वह इसकी कोशिश अभी नहीं करेंगे, वो अपनी नियमित गेंदबाजी ही करेंगे, धीमी फ्लिपर का उपयोग करेंगे जिसने बेयरस्टो को आउट किया. लेकिन उनको लगता है कि वह अगले सीजन तक इस पर मास्टरी हासिल कर लेंगे."


बिश्नोई का एक्शन ऐसा है जिसे अगर कोचिंग मैन्यूल के हिसाब से देखा जाए तो उसे तकनीकी तौर पर गलत कहा जा सकता है. उनका शरीर और सिर सीधा नहीं रहता बल्कि बाईं तरफ झुकता है. कुंबले का सिर सीधा रहता था.


पठान ने कहा, "एक दशक पहले हम जब उन्हें लेकर आए थे तो वो तेज गेंदबाजी करते थे. मेरे दोस्त प्रदयोत जिनके साथ मैं अकादमी चलाता हूं. उन्होंने बिश्नोई से लेग स्पिन करने की सलाह दी क्योंकि उनकी लंबाई कम थी और उनका शरीर भी तेज गेंदबाजों का नहीं था."


उन्होंने कहा, "जब उन्होंने लेग स्पिन डाली तो उन्होंने तेज और फ्लैट डाली, लेकिन उन्हें स्पिन मिल रही थी. हमने उनसे कहा कि थोड़ी हवा में रखो लेकिन वो ऐसा नहीं कर सके. उनका सिर और शरीर बाएं तरफ गिरता है जो उनकी गुगली को अच्छा टर्न देता है. इसलिए हमने उसे इसी एक्शन से गेंदबाजी करने दी."


गुगली बिश्नोई का सबसे अहम हथियार है


पठान और प्रदयोत ने बिश्नोई को रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) में कैनवास गेंद से खेलते हुए देखा था. पठान ने कहा, "हम उस समय आयु वर्ग ग्रुप क्रिकेट खेल रहे थे और सीमेंट की पिच पर अभ्यास किया करता था (बास्केटबाल कोर्ट को पिच में तब्दील किया गया था). हम नेट्स नहीं खरीद सकते थे इसलिए हमने पुरानी साड़ियों का उपयोग किया. हमने कोर्ट के एरिया को पिच में बदला. हम अभ्यास के लिए बच्चों को देख रहे थे जो हमारे साथ अभ्यास कर सके. हमने जब रवि और उनके दोस्तों को देखा तो हमने उन्हें अपने साथ ले लिया."


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