अबुधाबी: दिल्ली कैपिटल्स के अनुभवी गेंदबाज अमित मिश्रा ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में जैसी सफलता हासिल की वैसे भारतीय टीम के साथ उनका करियर कभी परवान नहीं चढ़ा लेकिन इस लेग स्पिनर ने इस बारे में सोचना छोड़ दिया है. मिश्रा ने आईपीएल में 148 मैचों में 157 विकेट लिये है और वह इस लीग में सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में लसित मलिंगा के बाद दूसरे स्थान पर हैं.
मिश्रा ने सोमवार को कहा, ''मुझे नहीं पता कि मैं दूसरे से कमतर हूं या नहीं. मैं पहले इस बारे में बहुत ज्यादा सोचता था, इसलिए दिमाग भटक जाता था, अब मैं सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देता हूं.'' उन्होंने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच से पहले ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''ईमानदारी से कहूं तो मुझे वह नहीं मिला जिसका मैं हकदार था. लोग जानते हैं कि अमित मिश्रा कौन है. मेरे लिए इतना ही काफी है. मुझे अपने क्रिकेट और गेंदबाजी पर ध्यान देना होता है जो मैं की रहा हूं.''
इस 37 साल के गेंदबाज हरियाणा के अपने साथी गेंदबाज राहुल तेवतिया की तारीफ की. उन्होंने कहा आईपीएल की किवदंतियों में जगह बनाने वाली पारी खेलकर राहुल तेवतिया ने आशातीत प्रदर्शन किया है. तेवतिया और अमित मिश्रा दोनों हरियाणा से हैं और 2018 में दिल्ली कैपिटल्स के लिये साथ खेले थे.
राजस्थान रॉयल्स के लिये खेलते हुए तेवतिया ने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 18वें ओवर में पांच छक्के जड़कर मैच का पासा पलट दिया.
मिश्रा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच से पहले कहा, ''वह अपनी बल्लेबाजी पर फोकस कर रहा था. जिस तरह से उसने कल खेला, यह हरियाणा क्रिकेट के भविष्य के लिये अच्छा है. मैं चाहता हूं कि वह आगे भी ऐसे ही खेलते रहे.''
उन्होंने कहा, ''मुझे लगा था कि वह अच्छा खेल सकता है लेकिन जिस तरह से वह कल खेला, मैने सोचा भी नहीं था. कई बार आप इतना फोकस कर पाते हो कि हालात को अपने अनुरूप मोड़ सकते हो. इस तरह की पारी बार बार देखने को नहीं मिलती. यह उसके जीवन की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से होगी.''
मिश्रा ने कहा कि अबुधाबी की पिच बल्लेबाजों की मददगार है. उन्होंने कहा, ''हमने इस विकेट पर अभ्यास नहीं किया है लेकिन यह बल्लेबाजों की मददगार है. थोड़ी धीमी है और बल्लेबाज को शॉट खेलने के लिये समय मिल रहा है.''
दिल्ली के कोच रिकी पोंटिंग के बारे में उन्होंने कहा, ''वह इतने लंबे समय तक खेले हैं कि उन्हें खिलाड़ियों की मनोदशा के बारे में पता है. किसी में आत्मविश्वास की कमी या अति आत्मविश्वास है तो उन्हें पता है कि क्या कहना है. वह हमेशा सकारात्मक बात करते हैं और उनसे खिलाड़ियों के साथ तालमेल के बारे में काफी कुछ सीखा है.''