चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपने टाइटल स्पॉन्सर अधिकार ट्रांसफर कर सकता है. आईपीएल के अगले टाइटल स्पॉन्सर की दौड़ में ड्रीम-11 और अनअकैडमी सबसे आगे चल रहे हैं. ड्रीम-11 आईपीएल-2020 का भी टाइटल स्पॉन्सर था. उसने पिछले साल 220 करोड़ रुपये में ये अधिकार खरीदे थे.


भारत और चीन के राजनीतिक संबंध है इसकी वजह 


वीवो ने आईपीएल के लिए भारी भरकम रकम पर बीसीसीआई के साथ पांच साल का करार किया था. वीवो ने 2018 से 2022 तक 2190 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि, लगभग 440 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के लिए आईपीएल का शीर्षक प्रायोजन अधिकार जीता था. अब भारत और चीन के मध्य वर्तमान राजनीतिक संबंधों में तनाव के चलते वीवो का मानना है कि आईपीएल के साथ साझीदारी जारी रखना सही फैसला नहीं होगा. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, "यह लगभग तय है कि वीवो का आईपीएल टाइटल प्रायोजन करार आपसी सहमति से खत्म होने जा रहा है. इसे 2020 में निलंबित किया गया था. इसमें एक प्रावधान है कि वह अपना बकाया दायित्व नए प्रायोजक को दे सकता है. बोर्ड सैद्धांतिक रूप से तैयार हो जाए तो यह संभव है."


आईपीएल-2020 में निलंबित कर दिया था वीवो का करार 


बीसीसीआई और वीवो ने संयुक्त अरब अमीरात में पिछले साल खेले गए आईपीएल-2020 के लिए अपनी साझेदारी को निलंबित करने का फैसला किया था. चीन-भारत सीमा स्टैंड-ऑफ के मद्देनजर चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया जा सके इसके चलते ये निर्णय लिया गया था. बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने चीनी मोबाइल फोन कंपनी वीवो के साथ आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप डील के निलंबन को सिर्फ एक 'झपकी' जैस बताया है. वहीं उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया था कि यह एक "वित्तीय संकट" जैसा कुछ होगा.


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