नई दिल्लीः इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन को यूएई में आयोजित करने का एलान बीसीसीआई कर चुकी है और इसकी तारीखें भी तय हो गई हैं. ऐसे में क्रिकेटर्स से लेकर खेल प्रेमियों की नजरें भी इस सीजन पर टिकी हैं, क्योंकि न सिर्फ ये देश से बाहर हो रहा है, बल्कि भारतीय दर्शक मैदान में जाकर इसे देख भी नहीं सकेंगे. हालांकि बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) के लिए मौजूदा स्थिति ज्यादा बेहतर है.


यूएई में सिर्फ 3 वेन्यू होने से आसानी


एसीयू के प्रमुख अजीत सिंह का मानना है कि यूएई में सिर्फ 3 वेन्यू पर ये मैच खेले जाने हैं और ऐसे में उनके और उनकी टीम के लिए भ्रष्टाचार जैसी गतिविधियों पर नजर रखना भारत के मुकाबले ज्यादा आसान होगा. यूएई में होने वाला लीग का ये सीजन दुबई, अबू धाबी और शारजाह में खेला जाएगा.


न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए अजीत सिंह ने कहा, “यूएई में नजर रखना थोड़ा आसान रहेगा क्योंकि वहां भारत के 8 वेन्यू के बजाए सिर्फ 3 वेन्यू होंगे. ये कोई मुद्दा नहीं है. एक बार कार्यक्रम जारी हो जाएगा तो हम अपनी टीम तय करेंगे.”


फिलहाल 8 एसीयू अधिकारी बीसीसीआई के तहत काम कर रहे हैं. ऐसे में 60 मैच वाले सीजन में किस तरह नजर रखी जाएगी? इस सवाल के जवाब में अजीत सिंह ने कहा, “हमारे कदमों को लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी है क्योंकि हमें पहले ये देखना है कि किस तरह का जैव सुरक्षित वातावरण (बायो सिक्योर बबल) तैयार किया जा रहा है. हमें पहले ये जानना है कि वहां किस तरह की व्यवस्थाएं हो रही हैं और फिर हम अपनी टीम को तैनात करेंगे.”


आईसीसी की मदद भी ले सकती है बीसीसीआई


उन्होंने साथ ही कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वो और भी लोगों को इस काम के लिए हायर करेंगे. वहीं बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने भी कहा है कि अगर बोर्ड चाहे तो आईसीसी के एसीयू कर्मचारियों को भी हायर कर सकता है, क्योंकि आईसीसी का मुख्यालय भी दुबई में है और अगर आईसीसी इसकी इजाजत देती है, तो बीसीसीआई इसका खर्च उठाएगी.


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