बीसीसीआई के सचिव जय शाह को आईसीसी में  बड़ी भूमिका मिली है. उन्हें आईसीसी की मेंस क्रिकेट कमेटी में मेंबर बोर्ड प्रतिनिधि बनाया गया है. रविवार को आईसीसी की त्रैमासिक बैठक में इस बात ऐलान किया गया. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बोर्ड ने रविवार को अपने अध्यक्ष ग्रेग बार्कले को अक्टूबर के अंत तक अपना कार्यकाल पूरा करने के लिए तैयार कर लिया, जिससे इस वैश्विक निकाय को नया अध्यक्ष खोजने के लिए पूरा समय मिलेगा और इसमें भारतीय क्रिकेट बोर्ड बड़ी भूमिका निभा सकता है.


रमीज राजा को लगा झटका


इस बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसले में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रमीज राजा के चार देशों के टूर्नामेंट के प्रस्ताव को बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया. इससे तटस्थ स्थलों पर भारत बनाम पाकिस्तान के मैचों की संभावना पर विराम लग गया. अन्य उल्लेखनीय घटनाक्रम में बीसीसीआई सचिव जय शाह को आईसीसी क्रिकेट समिति में शामिल किया गया.


बार्कले को लेकर हुआ ये फैसला


रविवार को दुबई में संपन्न हुई दो दिवसीय बोर्ड की बैठक भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के लिए अच्छा रहा क्योंकि अक्टूबर तक बार्कले के बने रहने के कारण उसे इस पद के लिए अपनी योजना बनाने के लिए काफी समय मिलेगा.


आईसीसी बोर्ड के एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई-भाषा से कहा, ' "बार्कले के फिर से नामांकन पर कोई चर्चा नहीं हुई है. लेकिन वह अक्टूबर के अंत तक अध्यक्ष के रूप में अपना वर्तमान दो साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. इसलिए एक नये अध्यक्ष को नामित करने की प्रक्रिया केवल नवंबर में शुरू होगी.' पहले अध्यक्ष पद के लिए नामांकन जून के महीने में होना था लेकिन सदस्य बोर्डों के बीच विचार-विमर्श के बाद इसे बदला गया.


इस फैसले से बीसीसीआई को अपनी योजना बनाने के लिए समय मिलेगा क्योंकि सितंबर में उनकी एजीएम होने की संभावना है. इस एजीएम के बाद राष्ट्रीय निकाय की संरचना स्पष्ट होगी. बीसीसीआई पहले ही लोढ़ा समिति की सिफारिशों में कुछ बदलाव की मांग कर रहा है. उसका मानना है कि इसके कई नियमों को व्यावहारिक रूप से लागू नहीं किया जा सकता है.


यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह सितंबर में कूलिंग-ऑफ (अनिवार्य विराम अवधि) के लिए जाते हैं या नहीं. आईसीसी के अगले अध्यक्ष के रूप में शाह का नाम चर्चा में है, लेकिन न तो खुद बीसीसीआई सचिव और न ही उनके करीबी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है.


रमीज राजा को नहीं मिली तवज्जो


बोर्ड की बैठक में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रमीज की योजना को ज्यादा तवज्जो नहीं मिली. राजा ने आईसीसी के तत्वावधान में पाकिस्तान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को शामिल करते हुए चार देशों के वार्षिक टी20 या एकदिवसीय टूर्नामेंट के लिए श्वेत पत्र तैयार किया था. उनका मानना है कि इससे वैश्विक निकाय को पांच साल में 750 करोड़ डॉलर (लगभग 57 अरब रुपये) का राजस्व मिल सकता है, जिसका बड़ा हिस्सा इन चारों देशों को दिया जा सकता है .


भारत, पाकिस्तान के खिलाफ सिर्फ एशिया कप और विश्व कप जैसे कई देशों वाले टूर्नामेंट में ही खेलता है.बोर्ड के एक सदस्य ने कहा, ' आईसीसी की वित्तीय और वाणिज्यिक मामलों की समिति (एफ एंड सीए) इस प्रस्ताव के खिलाफ थी. जैसा कि हम जानते हैं कि एमपीए (सदस्य भागीदारी समझौता) किसी भी सदस्य राष्ट्र को तीन देशों से अधिक की टूर्नामेंट की मेजबानी करने की अनुमति नहीं देता है. इस तरह की योजना से आईसीसी के प्रमुख टूर्नामेंटों (एकदिवसीय एवं टी20 विश्व कप) पर असर पड़ेगा.'


छोड़ना पड़ सकता है पद


एक और संवेदनशील मुद्दा जिस पर बोर्ड के सदस्य दबे स्वर में बात कर रहे हैं, वह यह है कि क्या इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद रमीज लंबे समय तक पीसीबी अध्यक्ष बने रहेंगे. पीसीबी अध्यक्ष एक राजनीतिक नियुक्ति है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हमेशा बोर्ड के मुख्य संरक्षक होते हैं. ऐसे में रमीज वर्तमान राजनीतिक माहौल में अपना इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो सकते हैं.


बीसीसीआई हमेशा अपने रुख में स्पष्ट था कि वह अपने व्यस्त कार्यक्रम में चार देशों के टूर्नामेंट में नहीं खेलेगा. उसका जोर द्विपक्षीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने पर है. ऐसी खबरें थीं कि इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के टॉम हैरिसन भी स्वतंत्र रूप से चार देशों के टूर्नामेंट की योजना पर विचार करने के लिए तैयार थे लेकिन बोर्ड की बैठक में बात आगे नहीं बढ़ी.


नए लोग हुए शामिल


शाह आईसीसी क्रिकेट समिति में नये शामिल लोगों में से एक हैं, जिसमें श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने को पूर्व खिलाड़ी के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है. न्यूजीलैंड के मुख्य कोच गैरी स्टीड, आईसीसी एलीट पैनल अंपायर जोएल विल्सन और एमसीसी प्रतिनिधि जेमी कॉक्स भी इस पैनल का हिस्सा हैं.


अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप को लेकर हुआ फैसला


बैठक में कोविड-19 के दौरान घरेलू अंपायरों के योगदान की सराहना की गयी लेकिन पुरुष क्रिकेट समिति की सिफारिश के मुताबिक यात्रा प्रतिबंध कम होने के बाद अगले सत्र से टेस्ट मैचों में एक तटस्थ अंपायर के इस्तेमाल का फैसला किया गया.  इस बैठक में अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप के पहले आयोजन की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका को सौंपी गयी. जनवरी में होने वाले इस आयोजन में 16 टीमें भाग लेंगी.


(इनपुट: भाषा)


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