कोरोना वायरस की वजह से इंडियन प्रीमियर लीग को अनिश्चितकाल के लिए टाला जा चुका है. हालांकि आईपीएल में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी इस टूर्नामेंट की यादों के जरिए अपने फैंस के साथ जुड़े हुए हैं. चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और उनके फ्रेंचाइजी साथी ड्वेन ब्रावो के बीच वानखेड़े स्टेडियम में 2018 फाइनल के बाद की दौड़ की यादें क्रिकेट प्रेमियों के बीच अब भी ताजा है.


ब्रावो ने अब खुलासा किया है कि यह एक चुनौती थी जोकि उन्होंने धोनी को दिया था, क्योंकि चेन्नई के कप्तान पूरी सीजन में उन्हें बूढ़ा कहकर चिढ़ाते थे. ब्रावो ने इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान कहा, " पूरे सीजन के दौरान धोनी यह कहते थे कि मैं बूढ़ा हूं. वह हमेशा बूढ़ा कहकर चिढ़ाते थे. वो मुझे काफी सुस्त कहते थे. फिर एक दिन मैंने धोनी से कहा कि मैं आपको विकेटों के बीच दौड़ लगाने का चैलेंज देता हूं. उन्होंने कहा- कोई मौका नहीं. मैंने कहा-टूर्नामेंट के बाद हम करेंगे."


धोनी को मिली थी जीत


उन्होंने कहा, " हमने यह दौड़ बीच टूर्नामेंट में नहीं करने का फैसला किया क्योंकि हम में से किसी को भी हैमस्ट्रिंग हो जाती तो काफी दिक्कत होती. हमने फाइनल के बाद चैलेंज पूरा किया. रेस बहुत करीबी थी, हालांकि धोनी ने मुझे हरा दिया. यह अच्छी रेस थी."


ब्रावो ने कप्तान धोनी और कोच स्टीफन फ्लेमिंग दोनों को उनकी क्षमताओं में विश्वास दिखाने के लिए धन्यवाद दिया. ब्रावो के लिए 2018 का सीजन यादगार साबित हुआ था. ब्रावो ने 16 मैचों में 14 विकेट लिए थे, जबकि बल्ले के साथ टीम की जीत में 141 रनों का योगदान भी दिया. हालांकि पिछले सीजन में ब्रावो ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाए.


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