Rajasthan Royals: अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) में आज IPL 2022 का फाइनल (IPL 2022 Final) मैच खेला जा रहा है. यह मुकाबला गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) और राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) के बीच रात 8 बजे शुरू हुआ. राजस्थान रॉयल्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया. आज राजस्थान की नजर 2008 के बाद फिर से इतिहास दोहराने पर है. टीम विजेता बनकर अपने दिवंगत कप्तान शेन वॉर्न को ट्रिब्यूट देना चाहेगी. वॉर्न की कप्तान में RR आइपीएल के पहले सीजन (2008) में विजेता बनी थी.
राजस्थान छोड़ने की ठानी थी
आईपीएल 2008 की शुरुआत से पहले एक समय ऐसा भी आया था जब शेन वॉर्न ने राजस्थान रॉयल्स को छोड़ने की ठानी थी. उन्होंने अपनी आत्मकथा में उन्होंने इस बात का जिक्र भी किया है. हुआ यूं कि आईपीएल 2008 से पहले 10 दिन का कैंप आयोजित किया गया था. उस कैंप में रवींद्र जडेजा और स्वप्निल असनोदकर ने टीम मैनेजमेंट एवं वॉर्न को काफी प्रभावित किया था.
मैं फ्रेंचाइजी छोड़ दूंगा
दरअसल RR के मालिक मनोज बडाले 16 सदस्यीय टीम में एक और खिलाड़ी चाहते थे, जिसे वार्न ने आसिफ के नाम से संबोधित किया है. हालांकि आसिफ नाम का यह खिलाड़ी शेन वॉर्न को खास प्रभावित नहीं कर सके और वॉर्न का इसे लेकर सख्त रुख था. बात यहां तक बढ़ गई थी कि वॉर्न ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर आसिफ को शामिल किया जाता है तो वह फ्रेंचाइजी छोड़ देंगे और पैसे लौटा देंगे.
मैं पैसे वापस कर चला जाता
वार्न ने अपनी आत्मकथा में लिखा है, 'अगर मैं आसिफ को टीम में शामिल करता तो वह समझ जाएंगे कि एक खिलाड़ी जो उतना काबिल भी नहीं था और वह भी टीम में है. इसका सीधा सा आशय है कि किसी खास प्लेयर को फेवर किया जा रहा है. अगर आप आसिफ को टीम में चाहते हैं तो ठीक है मैं आपके पैसे वापस दे दूंगा और मैं राजस्थान का हिस्सा नहीं बनूंगा. इस बात पर RR के मालिक मनोज ने कहा कि क्या आप सीरियस हैं, जिसके जवाब में मैंने कहा कि बहुत ज्यादा, मुझे इस फैसले पर अडिग रहने दीजिए.
डगआउट में भी नहीं बैठने दिया
इसके बाद बडाले ने आसिफ को टीम में शामिल करने की जिद छोड़ दी. बाद में बडाले ने वॉर्न को इस बात के लिए मनाने की कोशिश की कि वह आसिफ को डगआउट में टीम की शर्ट पहनकर रहने दें. इस पर वॉर्न ने स्पष्ट किया था कि डगआउट सभी के लिए काफी छोटा है. ऐसे में वॉर्न यह नहीं चाहते थे कि आसिफ वहां पर बैठे रहे क्योंकि ऐसा लगेगा कि उसे फेवर किया जा रहा है. इसके बाद मनोज ने ठीक है कहकर पूरे मामले को खत्म कर दिया था.
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