नई दिल्ली: ड्रीम11 ने चीनी कंपनी वीवो की जगह लगभग साढे चार महीने के करार के लिए 222 करोड़ रुपये की बोली के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का टाइटिल प्रायोजन अधिकार हासिल किया.


ड्रीम11 पहले से ही पिछले कुछ वर्षों से आईपीएल के प्रायोजन से जुड़ा है. आईपीएल अध्यक्ष बृजेश पटेल ने बताया, ‘‘ ड्रीम11 ने 222 करोड़ रुपये की बोली के साथ अधिकार हासिल किया है.’’


इस बात की भी संभावना है कि ड्रीम11 साल 2022 तक आईपीएल का प्रायोजन जारी रखे. इसके लिए उसे 2021 और 2022 के लिए प्रत्येक के लिए 240 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. यह तीन साल के लिए प्रति वर्ष औसतन 234 करोड़ रुपये आयेगा.


यह पता चला कि टाटा समूह ने अंतिम बोली नहीं लगाई जबकि दो शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनियां बायजूस (201 करोड) और अनएकेडमी (170 करोड़) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.


भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध के कारण वीवो और बीसीसीआई ने इस सत्र के लिए प्रति वर्ष 440 करोड़ रुपये के करार को निलंबित कर दिया था. कोविड-19 महामारी के कारण इस बार आईपील को यूएई में 19 सितंबर से खेला जाएगा.


ड्रीम11 का चीन कनेक्शन
ड्रीम11 में चीनी कंपनी टेनसेंट के निवेश को लेकर सवाल उठ रहे हैं लेकिन बीसीसीआई के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि यह 10 प्रतिशत से भी कम है. ड्रीम11 एक भारतीय कंपनी है जिसकी स्थापना हर्ष जैन और भावित शेठ ने की है.


बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के एक सूत्र ने बताया, ‘‘ ड्रीम 11 के हितधारकों में शामिल इसके संस्थापक और 400 से अधिक कर्मचारी भारतीय हैं.’’


अधिकारी ने बताया, ‘‘ कलारी कैपिटल और मल्टीपल्स इक्विटी उनके भारतीय निवेशक हैं. यहां तक ​​कि ड्रीम11 का उत्पाद का उपयोग विशेष रूप से सिर्फ भारतीयों द्वारा किया जा सकता है. टेनसेंट की हिस्सेदारी केवल का प्रतिशन सिफ ‘एक-अंक’ में है.’’


पिछले महीने की हालांकि बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) ने कंपनी के खिलाफ जांच की मांग की थी. यह कहा गया था कि यह प्लेटफार्म एक नकली टी20 लीग से जुड़ा हुआ था जिसमें पंजाब के एक कस्बे में आयोजित मैच को श्रीलंका का बताकर सीधा प्रसारण किया गया था.


एसीयू की जांच में पता चला है कि टूर्नामेंट में खिलाड़ियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली किट पर ड्रीम11 का लोगो था और इसका प्रसारण फैनकोड पर किया गया था. ड्रीम11 और फैनकोड दोनों ड्रीम स्पोर्ट्स ग्रुप का हिस्सा हैं.


यह हालांकि पता नहीं चल पाया है कि बीसीसीआई एसीयू क्या अब भी ड्रीम11 की जांच कर रहा है. बीसीसीआई हालांकि थोड़े समय में एक टाइटिल प्रायोजक का प्रबंध करने में सफल रहा लेकिन उसे इससे मिलने वाली रकम वीवो की तुलना में कम है.


बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘ इस मामले में ऐसी ही उम्मीद थी. जो लोग उम्मीद कर रहे थे कि मौजूदा बोली वीवो के करीब पहुंचेगी वे मौजूदा आर्थिक माहौल से अनजान थे. टाटा समूह ने भले ही इसके लिए ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ दाखिल किया था लेकिन वे बोली लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे.’’


उद्योग के अंदरूनी सूत्र ने बताया, ‘‘बीसीसीआई टाटा की मौजूदगी चाहता था क्योंकि उससे विश्वसनीयता काफी बढ़ती.’’


बीसीसीआई के अंदरूनी सूत्रों का मानना ​​है कि ड्रीम11 के करार से मिलनी वाली आधिकारिक प्रायोजन राशि के अलावा अनएकेडमी और भुगतान ऐप के प्रायोजन पूल में आने से घाटा काफी हद तक कम हो जाएगा. इन दोनों कंपनियों ने बीसीसीआई को प्रायोजन के लिए 40-40 करोड़ रुपये दिये है जिसका मतलब यह हुआ कि बोर्ड को कुल 302 करोड़ रूपये मिलेंगे.


बीसीसीआई के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ चार महीने के समय को सोच कर देखिये और आपको लगेगा कि इतने कम समय के लिए यह खराब सौदा नहीं है.’’ एक सवाल यह भी है कि क्या इस दौरान ड्रीम11 विराट कोहली के तस्वीर का इस्तेमाल कर पायेगा.


ड्रीम11 को इस दौरान प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के साथ खिलाड़ियो के व्यक्तिगत करार को देखना होगा. ऐसी ही एक कंपनी है मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) जिसके ब्रांड दूत भारतीय कप्तान विराट कोहली हैं.


यह पूछे जाने पर कि क्या गलत विपणन का एक संभावित मामला हो सकता है, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ नहीं, हमें खिलाड़ियों के ‘छवि अधिकारों’ के नियमों को देखना होगा. लेकिन अगर बीसीसीआई के करार में कोई हितधारक शामिल है, तो केंद्रीय अनुबंध प्राप्त खिलाड़ियों को इसके समर्थन के लिए उपलब्ध होना होगा.’’


उन्होंने फिर समझाया कि परिधान प्रायोजकों के साथ हमेशा यह मुद्दा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले कई वर्षों से नाइकी टीम इंडिया की जर्सी की प्रायोजक रही है लेकिन कई ऐखे खिलाड़ी है जो जेवेन का प्रचार कर रहे थे, रोहित शर्मा एडिडास और कोहली पूमा के साथ हैं. मुझे लगता है कि इसमें कोई समस्या नहीं होगी. नाइकी ने जब टीम का नया जर्सी जारी किया था तब सभी शीर्ष खिलाड़ियों ने उसका समर्थन किया था. वे अपने व्यक्तिगत ब्रांड का भी प्रचार करते हैं.’’