जानिए: आईपीएल में किसी खिलाड़ी को कोरोना होने पर टीमों के पास क्या विकल्प होगा?
कोरोना वायरस की वजह से इंडियन प्रीमियर लीग में पहली बार एक साथ कई बड़े बदलाव किए गए हैं.
कोरोना वायरस के खतरे के बीच 19 सितंबर से इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन की शुरुआत होने जा रही है. महामारी को देखते हुए बीसीसीआई ने यूएई में हो रहे आईपीएल के 13वें सीजन में कई बड़े बदलाव करने का फैसला किया है. बीसीसीआई ने सभी टीमों को किसी खिलाड़ी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर सब्सीट्यूट की मंजूरी दे दी है.
इससे पहले जुलाई में कोरोना वायरस के खतरे के बीच इंटरनेशल क्रिकेट की शुरुआत के दौरान भी बदलाव देखने को मिले थे. आईसीसी ने जून में ही साफ कर दिया था जब तक कोरोना वायरस खत्म नहीं हो जाता है तब तक गेंदबाजों को गेंद पर सलाइवा का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी. इसके साथ ही मैच के बीच में किसी खिलाड़ी को कोरोना हो जाता है तो उसे सब्सीट्यूट के साथ रिप्लेस करने की मंजूरी भी दी गई थी.
इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन में भी आईसीसी की तर्ज पर ही बदलाव लागू होंगे. गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में साफ हो गया है कि अगर टूर्नामेंट के बीच में कोई खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो टीमों को उसके रिप्लेसमेंट का अधिकार मिलेगा.
मैदान पर दर्शकों को लेकर स्थिति साफ नहीं
यह भी साफ हो चुका है कि इंडियन प्रीमियर लीग के शुरुआती मैचों का आयोजन मैदान पर बिना दर्शकों के ही होगा. हालांकि यूएई सरकार मैदान पर दर्शकों को भेजे जाने के पक्ष में है. इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि लीग का कार्यक्रम आगे बढ़ने पर मैदान पर कुछ तादाद में दर्शक भी देखने को मिल सकते हैं.
बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन सितंबर में होने जा रहा है. पहले आईपीएल का आयोजन 28 मार्च से होना था, लेकिन कोविड-19 के बढ़ते खतरे की वजह से इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया था. हालांकि ट्वेंटी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप के रद्द होने की वजह से बीसीसीआई के लिए आईपीएल के आयोजन का रास्ता साफ हो गया.
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