मुंबई इंडियंस को रॉयल चैलेंजर्स बैंग्लोर के खिलाफ सोमवार देर रात खेले गए मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. मुंबई की टीम ने ईशान किशन की 99 रन की पारी की बदौलत आरसीबी के स्कोर की बराबरी कर ली थी. लेकिन सुपर ओवर में मुंबई ने ईशान किशन को बल्लेबाजी के लिए नहीं भेजा. टीम मैनेजमेंट के किशन को सुपर ओवर में बल्लेबाजी नहीं करवाने वाले फैसले की आलोचना हो रही है. टीम के कोच जयवर्धने ने हालांकि अपने अनुभवी खिलाड़ियों का बचाव किया है.


महेला जयवर्धने ने इस रणनीति का बचाव करते हुए कहा है कि उन्हें अपने अनुभवी खिलाड़ियों पर भरोसा था कि वे काम पूरा करेंगे. मौजूदा चैंपियन टीम ने पोलार्ड के साथ हार्दिक पंड्या को भेजने का फैसला किया. यह रणनीति हालांकि नाकाम रही और नवदीप सैनी के ओवर में टीम सात रन ही जुटा सकी और मैच हार गई.


जयवर्धने ने कहा कि लंबी पारी खेलने के बाद किशन थकान महसूस कर रहे थे. उन्होंने कहा, ''अगर आप देख सकते तो उस समय किशन काफी थका हुआ था. हम सोच रहे थे कि हमें कुछ तरोताजा खिलाड़ियों की जरूरत है जो बड़े शॉट खेल सकें.''


कोच ने कहा, ''बाद में ऐसा कहना आसान है लेकिन पोलार्ड और हार्दिक ने अतीत में सुपर ओवर में अच्छा काम किया है, दो अनुभवी खिलाड़ी जो काम को अंजाम देने में सक्षम हैं. आपको इन फैसलों को लेकर जोखिम उठाना पड़ता है और ये किसी के भी पक्ष में जा सकते हैं. अगर हमने 10 या 12 रन बनाए होते तो कुछ भी हो सकता था.''


जयवर्धने ने स्वीकार किया कि जसप्रीत बुमराह जैसी क्षमता वाले गेंदबाज के लिए भी सात रन का बचाव करना बेहद मुश्किल था. उन्होंने कहा, ''सुपर ओवर में हम तीन गेंद पर रन नहीं बना पाए, यहीं हमें नुकसान हुआ. हमने विकेट गंवाया और फिर दो गेंद खाली खेली.''


बता दें कि मुंबई इंडियंस की टीम ने अपनी शुरुआती तीन में से दो मुकाबले गंवा दिए हैं. अगर मुंबई की टीम आने वाले मैचों में अपने प्रदर्शन में सुधार नहीं करती है और टीम की खिताब बचाने की उम्मीदें खत्म हो सकती हैं.


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