नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीज़न के दौरान ‘बायो-बबल’ के उल्लंघन पर खिलाड़ी को टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ सकता है और उनकी टीमों के एक करोड़ रूपये का भारी जुर्माना भरने के अलावा तालिका में अंक भी काटे जा सकते हैं. बीसीसीआई ने आईपीएल में हिस्सा लेने वाली सभी आठ फ्रेंचाइजी टीमों को अधिसूचना दी कि ‘बायो-बबल’ से अनधिकृत रूप से बाहर जाने के लिये खिलाड़ी को छह दिन के क्वारंटीन में जाना होगा.


अगर ऐसा दूसरी बार होता है तो एक मैच का बैन लगाया जायेगा और तीसरे उल्लघंन पर उसे टूर्नामेंट से बाहर कर दिया जायेगा और उसकी जगह टीम को कोई और खिलाड़ी भी नहीं मिलेगा.


खिलाड़ियों को दैनिक स्वास्थ्य पासपोर्ट पूरा नहीं करने, जीपीएस ट्रैकर नहीं पहनने और निर्धारित कोविड-19 जांच समय पर नहीं करवाने के लिये 60,000 रूपये के करीब का जुर्माना देना पड़ सकता है. यही नियम परिवार के सदस्यों और टीम अधिकारियों के लिये भी हैं.


संयुक्त अरब अमीरात (यएई) में चल रहे टूर्नामेंट के हर पांचवें दिन सभी खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ की कोविड-19 जांच की जा रही है. टीम अधिकारियों को भी यह सुनिश्चित करने में काफी सतर्क होने की जरूरत है कि सख्त ‘बायो-बबल’ का उल्लघंन नहीं हो.


अगर कोई फ्रेंचाइजी ‘किसी व्यक्ति को बबल में खिलाड़ी/सहयोगी स्टाफ से बातचीत करने की अनुमति देती है’ तो उसे पहले उल्लंघन पर एक करोड़ रूपये का जुर्माना भरना होगा, दूसरी बार ऐसा करने पर एक अंक काट लिया जायेगा और तीसरे उल्लंघन के लिये दो अंक (एक जीत के बराबर) काट लिये जायेंगे.


क्या सीएसके के खिलाड़ी ने तोड़ा 'बायो-बबल'? सीईओ ने दी सफाई


मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सीएसके के तेज गेंदबाज केएम आसिफ ने बायो बबल तोड़ा है. लेकिन सीएसके के सीईओ काशी विश्वनाथन ने इन खबरों को गलत बताया है. सीईओ का कहना है कि उनके किसी खिलााड़ी ने बायो बबल नहीं तोड़ा है और ऐसा दावा करने वाली सभी बातें बेकार हैं.


सीईओ ने होटल में खिलाड़ियों के लिए अलग से लॉबी होने की बात कही है. उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं पता इस मामले में फैक्ट चेक किए गए हैं या नहीं. लॉबी में खिलाड़ियों के अलग से रिसेप्शन हैं और वहां मौजूद स्टाफ को सिर्फ खिलाड़ियों के लिए रखा गया है.''


हालांकि काशी विश्वनाथन ने चाबी खो जाने की बात को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा, ''चाबी खोने की बात सही है. पर आसिफ रेगुलर स्टाफ के पास नहीं गए वह सिर्फ खिलाड़ियों के लिए अलग से रखे गए स्टाफ के पास ही दूसरी चाबी लेने ही पहुंचे.''