IPL के पिछले सीजनों को देखा जाए तो इनमें आठ टीमें होती थीं और सभी टीमें आपस में 2-2 बार भिड़ती थीं. इस तरह हर टीम 14-14 मैच खेलती थी और लीग स्टेज में कुल 70 मैच हुआ करते थे. इस बार IPL में 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं लेकिन फिर भी हर टीम 14-14 ही मैच खेलेगी और कुल 70 ही मैच होंगे, अंतर बस यह है कि सभी टीमें आपस में 2-2 बार नहीं भिड़ेंगी. 

इस बार सभी 10 टीमों को दो ग्रुप में बांट दिया गया है. दोनों ग्रुप में 5-5 टीमें रखी गई हैं. पहले से खेलती आ रही आठ टीमों को उनकी खिताबी जीत और प्रदर्शन के हिसाब से ग्रुप में जगह दी गई है. यानी जिस टीम का प्रदर्शन IPL में सबसे अच्छा रहा है, उसे पहले रखा गया है. उदाहरण के लिए सबसे ज्यादा खिताब मुंबई (5) के नाम हैं और फिर चेन्नई (4) का नंबर आता है. ऐसे में ग्रुप-ए में पहले नंबर पर मुंबई इंडियंस को रखा गया है और ग्रुप-बी में पहले नंबर पर चेन्नई को जगह दी गई है. यानी बराबरी की टक्कर वाली टीमें एक-दूसरे के आमने-सामने रखी गई हैं. जो 2 नई टीमें हैं, उन्हें दोनों ग्रुपों में आखिरी में रखा गया है.

अब एक टीम अपनी ग्रुप की अन्य चार टीमों के साथ 2–2 मैच खेलेगी, यानी एक टीम के 8 मैच अपने ग्रुप की टीमों के साथ ही हो जाएंगे. इसके साथ ही वह टीम दूसरे ग्रुप में अपने समानांतर रखी गई टीम के साथ भी दो मैच खेलेगी और बाकियों के साथ 1–1 मुकाबला होगा. जैसे मुंबई और चेन्नई अपने-अपने ग्रुप पर पहले नंबर पर हैं, तो दोनों एक दूसरे के खिलाफ 2–2 मैच खेलेंगी. इस तरह एक टीम अपने ग्रुप की टीमों के साथ 8 मैच और दूसरे ग्रुप की 5 टीमों के साथ 6 मैच खेलेगी. इस तरह लीग स्टेज में कुल 14 मैच खेले जाएंगे.

ग्रुप-ए ग्रुप-बी
1. मुंबई इंडियंस 1. चेन्नई सुपर किंग्स
2. कोलकाता नाइट राइडर्स 2. सनराइजर्स हैदराबाद
3. राजस्थान रॉयल्स 3. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु
4. दिल्ली कैपिटल्स 4. पंजाब किंग्स
5. लखनऊ सुपर जायंट्स 5. गुजरात टाइटंस

IPL का यह फॉर्मेट पूरी तरह से साल 2011 में हुए IPL के चौथे सीजन के फॉर्मेट की तरह है. 2011 में भी IPL में 10 टीमें थीं और इन्हें इसी तरह दो ग्रुप में बांट कर 14-14 मैच खिलाए गए थे.

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