इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में सोमवार को लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) और गुजरात टाइटंस (GT) आमने-सामने थे. इस मैच में युवा खिलाड़ी आयुष बडोनी ने LSG की ओर से ताबड़तोड़ अर्धशतक लगाया था. उन्होंने 41 गेंद पर 54 रन बनाकर अपनी टीम को मुश्किल हालातों से उबारकर 150 पार पहुंचाया. जब लखनऊ की पारी खत्म हुई तो कमेंटेटर हर्षा भोगले ने उनसे सीधे एक सवाल किया कि आप अब तक कहां छुपे हुए थे?


हर्षा भोगले का यह सवाल वाकई जायज था. क्योंकि आयुष ने अब तक 'लिस्ट A' और 'फर्स्ट क्लास' क्रिकेट नहीं खेला है. उनके नाम महज राज्यों के बीच खेले जाने वाले पांच टी-20 मुकाबले हैं, उनमें भी इस खिलाड़ी को महज एक बार बल्लेबाजी का मौका मिला है, जिसमें उन्होंने 8 रन बनाए हैं. ऐसे में अचानक IPL में धमाकेदार डेब्यू चौंकाने वाला है. बहरहाल, इस युवा खिलाड़ी के बारे में हम आपको थोड़ी जानकारी दे देते हैं.


आयुष बदोनी 22 साल के हैं और दिल्ली के लिए क्रिकेट खेलते हैं. वह 'लिस्ट A' और 'फर्स्ट क्लास' क्रिकेट तो नहीं खेल पाए हैं लेकिन उन्होंने भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम में जगह बनाते हुए एक बार श्रीलंका के खिलाफ यूथ टेस्ट मैच में 185 रन की नाबाद पारी खेली थी. 2018 में हुए अंडर-19 एशिया कप फाइनल में भी वह 28 गेंद पर 52 रन की पारी खेल चुके हैं. 2018 में हुए इस टूर्नामेंट में चार मैचों में 83 की औसत से 186 रन बनाए थे. यह खिलाड़ी सीधे हाथ का ऑफ ब्रेक गेंदबाज भी है. क्रिकेट के नाम पर इस खिलाड़ी के हिस्से बस यही टूर्नामेंट है.


आयुष पहले भी तीन बार IPL ऑक्शन में शामिल रहे हैं, लेकिन उन्हें कभी कोई खरीदार नहीं मिला. यह पहली बार था जब उन्हें किसी IPL टीम ने खरीदा है. लखनऊ ने इस खिलाड़ी को 20 लाख में अपनी टीम से जोड़ा है. अभ्यास सत्र के दौरान दो मैचों में जब इस खिलाड़ी ने फिफ्टी लगाई तो LSG मैनेजमेंट ने इन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल कर लिया. टीम प्रबंधन का यह फैसला सही भी साबित हुआ और बडोनी टीम के लिए लाज बचाने वाले खिलाड़ी साबित हुए.


आयुष बताते हैं कि पिछले तीन साल थोड़े संघर्ष वाले रहे. क्योंकि न तो उन्हें IPL में खरीदार मिल रहा था और न ही दिल्ली की घरेलू टीम में मौका मिल रहा था. वह कहते हैं, 'IPL में अनसोल्ड रहने और दिल्ली की टीम में भी मौका नहीं मिलने के बाद मैंने अपना गेम को बेहतर करने की कोशिश की. मैंने नए शॉट सीखे. जब इस बार मेरा नाम नीलामी में आया तो धड़कनें बढ़ गई थीं. मैं लखनऊ टीम का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे चुना. मुझे अब साबित करना है और टीम को जिताना है. मैं अपना सबसे बेहतर करने की कोशिश करूंगा.' आयुष ने यह भी कहा कि गौतम गंभीर उन्हें बहुत सपोर्ट करते हैं. आयुष बताते हैं, 'गौतम भैया ने मुझे एक सलाह दी है कि अपना नेचुरल गेम खेलना. गेंद को खेलना, गेंदबाज को नहीं. उनकी इस बात ने मुझे बड़ा आत्मविश्वास दिया.'


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