इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन के आयोजन के मद्देनज़र सभी टीमों ने खिलाड़ियों के क्वारंटीन होने से जुड़े एक अहम फैसले पर सहमति जता दी है. बीसीसीआई की टीम के मालिकों के साथ हुई मीटिंग के बाद यह साफ हो गया है कि सभी खिलाड़ी दुबाई पहुंचने पर 6 दिन तक क्वारंटीन रहेंगे. खिलाड़ियों के प्रैक्टिस के लिए आईपीएल की सभी टीमें अपने खिलाड़ियों के साथ 20 अगस्त को ही दुबई जा रही हैं.


मीटिंग के बाद टीमों की ओर से जारी बयान में कहा गया, हम खिलाड़ियों की हेल्थ के साथ कोई खतरा मोल नहीं ले सकते हैं. सभी खिलाड़ी और स्टाफ दुबई पहुंचने पर 6 दिन तक क्वारंटीन रहेगा.


दुबई सरकार के नियम के तहत देश में पहुंचने वाले किसी भी व्यक्ति का 96 घंटे पहले कोरोना टेस्ट होना जरूरी है. इतना ही नहीं दुबई पहुंचने पर भी उस शख्स का एक और कोरोना टेस्ट करवाया जाता है. हालांकि दुबई की सरकार सिर्फ पॉजिटिव आने वाले व्यक्तियों को ही 14 दिन के लिए क्वारंटीन करती है. दुबई में कोविड 19 की वजह से हर किसी के पास Alhosn ऐप का होना जरूरी है.


टीम में 24 खिलाड़ियों को ले जाने की इजाजत


इसके अलावा बीसीसीआई ने सभी टीमों को एसओपी भी जारी कर दिया है. एसओपी में टीमों को बायो सिक्योर प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी दी गई है. टीम के मालिकों ने बीसीसीआई के अपने साथ सिर्फ 24 खिलाड़ी रखने के फैसले पर भी सहमति जाहिर की है.


हालांकि इस वक्त बीसीसीआई के सामने टाइटल स्पॉन्सर खोजने की चुनौती भी खड़ी हो गई है. बीसीसीआई ने गुरुवार को चीन के साथ विवाद की वजह से वीवो को इस साल टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर हटाने का फैसला किया है. बीसीसीआई को वीवो हर साल टाइटल स्पॉन्सर के लिए 440 करोड़ रुपये देता था. वीवो ने बीसीसीआई के साथ साल 2022 तक का कॉन्ट्रैक्ट कर रखा था. माना जा रहा है कि हालात सामान्य होने पर अगले साल वीवो की वापसी हो सकती है.


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