Jitesh Sharma in IPL: आईपीएल 15 (IPL 15) में पंजाब किंग्स (Punjab Kings) की तरफ से खेल रहे जितेश शर्मा (Jitesh Sharma) ने अपनी बल्लेबाज़ी और विकेटकीपिंग स्किल्स दोनों से प्रभावित किया है. उन्होंने चेन्नई के खिलाफ डेब्यू मैच में 17 गेंदों में 26 रनों की पारी खेली थी. जिसके बाद वो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में उन्होंने अब अपने संघर्ष दिनों को याद करते हुए कहा है कि वो किसी को भी निराश नहीं करना चाहते हैं.
खुद को भी नहीं करना है निराश
पंजाब किंग्स (Punjab Kings) की वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'मेरी यात्रा एक पहाड़ पर ट्रेकिंग करने वाले व्यक्ति के समान रही है. मैं खेलने पर ध्यान केंद्रित कर रहा था और जब मैंने अपना पहला मैच खेला, तो मैं ड्रेसिंग रूम में बैठा था और अपने अतीत की बातें याद कर रहा था. मैं जहां से आया हूं, मेरे संघर्ष, मेरे द्वारा दिए गए बलिदान और उन सभी लोगों ने जिन्होंने मेरा समर्थन किया है, मैं किसी को निराश नहीं करना चाहता, यहां तक कि खुद को भी.'
नर्वस होने के बाद भी की बल्लेबाजी
अपने डेब्यू को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा, एक युवा के लिए उन महान खिलाड़ियों के साथ खेलना एक सपने जैसा रहा है, जिन्हें उन्होंने टेलीविजन पर बड़े होते हुए देखा था. लेकिन जितेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने नर्वस होने के बावजूद मैदान पर अपना शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने आगे कहा, 'मैं मैदान पर पहली गेंद का सामना करते हुए नर्वस था. मैंने एमएस धोनी को अपने पीछे विकेट कीपिंग और जडेजा को गेंदबाजी करते हुए देखा. डीजे ब्रावो मेरी बाईं ओर थे और रॉबिन उथप्पा, अंबाती रायुडू मेरे सामने थे, जिन्हें मैंने टीवी पर देखा है लेकिन वास्तविक में कभी नहीं देखा. इसलिए मैं मैच में थोड़ा नर्वस था.'
पिता है मेरे लिए प्रेरणा
अपनी प्रेरणा अपने पिता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'मेरे पिता बहुत क्रिकेट खेलते थे और टेनिस टूर्नामेंट में भी हिस्सा लेते थे. मैं उनके साथ कई पुरस्कार वितरण में शामिल होता था. वह एक बिजनेस मैन भी थे. जब भी वह क्रिकेट देखते थे, तो वह खुश और उत्साहित होते थे. तभी मुझे एहसास हुआ कि अगर वह मुझे क्रिकेट खेलते हुए देखेंगे, तो वह इस तरह से ही उत्साहित होंगे. मेरा सफर वहीं से शुरू हुआ और तभी मुझे लगा कि मैं क्रिकेट खेलना शुरू कर सकता हूं.'
'रात में मैच के बाद पापा को किया था फोन'
उन्होंने आगे कहा कि मैच के बाद, जब मैंने अपने पिता की मिस्ड कॉल देखी, तो मैंने उन्हें वापस कॉल किया, हालांकि मैं कॉल करने में संकोच कर रहा था क्योंकि उनकी सख्त दिनचर्या थी. वह आमतौर पर रात 10 बजे तक सो जाते हैं, लेकिन इस बार जब मैंने उन्हें लगभग 12:30 बजे फोन किया. वह जग रहे थे. वह मेरे कॉल करने का इंतजार कर रहे थे. वह इतना खुश थे कि उन्होंने मुझसे कहा, अच्छा खेला बेटा!
(इनपुट: एजेंसी)
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