IPL Match Fixing: इंडियन प्रीमियर लीग में मैच फिक्सिंग के मामले किसी से छुपे नहीं हैं. वह 2013 का समय था जब एस श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को मैच फिक्सिंग के आरोपों में क्रिकेट खेलने से बैन कर दिया गया था. जांच समिति बैठाई गई तो चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और राजस्थान रॉयल्स (RR) को आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट से दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया था. आईपीएल के उस भयानक स्कैंडल के बारे में सुनकर आज भी क्रिकेट प्रेमी सहम जाते हैं. आईपीएल के कमिश्नर रह चुके ललित मोदी सालों पहले खुद एक इंटरव्यू में इंग्लैंड के क्रिकेटर एंड्रयू फ्लिंटॉफ पर लगाई गई बोली फिक्स थी.
फिक्स था 2009 का ऑक्शन?
आईपीएल 2009 का ऑक्शन गोवा में करवाया गया था. अन्य कई टीम ऑक्शन के लिए अपनी-अपनी टीम तैयार करने में लगी थीं, लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स की नजरें एक टॉप खिलाड़ी पर थीं. 2009 के ऑक्शन के लिए एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने पहली बार खुद को उपलब्ध करवाया था. आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि वो इस बात से वाकिफ थे कि राजस्थान रॉयल्स किसी भी हालत में इंग्लैंड के ऑल-राउंडर खिलाड़ी फ्लिंटॉफ को खरीदना चाहती थी. मगर ऑक्शन से पहले ही BCCI के तत्कालीन अध्यक्ष और CSK के मालिक एन श्रीनिवासन, ललित को लेटर लिख चुके थे. चूंकि CSK की नजरें भी फ्लिंटॉफ पर थीं, इसलिए ललित मोदी ने RR मैनेजमेंट से कहा कि वो सोहेल तनवीर को रिटेन कर लें.
पाकिस्तानी खिलाड़ी तनवीर को रिटेन करने की स्थिति में राजस्थान रॉयल्स के पास बहुत कम पैसे बचे थे. ऐसे में उनके लिए फ्लिंटॉफ को खरीद पाना मुमकिन नहीं था. इसी के चलते चेन्नई सुपर किंग्स ने 2009 के ऑक्शन में फ्लिंटॉफ पर 9.8 करोड़ रुपये यानी 1.55 मिलियन यूएस डॉलर की बोली लगाई थी. ललित मोदी खुद स्वीकार कर चुके हैं कि उन्हें उस ऑक्शन में दखल देना चाहिए था और उन्होंने इसकी जिम्मेदारी भी ली थी.
केवल एक सीजन खेले एंड्रयू फ्लिंटॉफ
एंड्रयू फ्लिंटॉफ एक ही सीजन में करोड़पति बन चुके थे और आईपीएल 2009 में उन्होंने 3 मैच खेलते हुए बल्ले से 62 रन बनाए, वहीं गेंदबाजी में केवल 2 विकेट लिए थे. याद दिला दें कि 2009 सीजन के बाद घुटने की सर्जरी कराने के लिए आईपीएल का अगला सीजन नहीं खेला था और उसके बाद वो कभी इस लीग में वापस नहीं आए.
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