IPL Final: इंडियन प्रीमियर लीग में अब तक चेन्नई सुपर किंग्स सबसे ज्यादा बार फाइनल मैच खेली है, जिनमें से उसे पांच बार जीत मिली है. वहीं मुंबई इंडियंस 6 बार फाइनल में पहुंचने के बाद पांच बार विजेता बनी है. यह एक हैरान कर देने वाला तथ्य है कि फाइनल मुकाबले में पहले खेलने वाली टीम बहुत कम मौकों पर 200 रन का स्कोर बना पाई है. मगर एक समय ऐसा भी था जब फाइनल मुकाबले में एक टीम ने 130 रन से भी कम स्कोर बनाकर उसे डिफेंड कर लिया था.


IPL के फाइनल में डिफेंड हुए 129 रन


याद दिला दें कि चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को मैच फिक्सिंग के आरोपों के कारण 2015 और 2016 सीजन के लिए बैन कर दिया गया था. इन 2 सीजन में राइजिंग सुपर जायंट्स और गुजरात लायंस के रूप में 2 नई फ्रैंचाइज़ी सामने आईं. 2017 में RPS फाइनल में पहुंची, जहां उसका सामना मुंबई इंडियंस से हुआ. स्टीव स्मिथ राइजिंग पुणे सुपर जायंट्स की कप्तानी कर रहे थे और MI ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया था. मुंबई इंडियंस की ओर से सबसे ज्यादा रन कृणाल पांड्या ने बनाए, जिनके बल्ले से 47 रन निकले थे. उनकी टीम निर्धारित 20 ओवरों में 8 विकेट खो कर केवल 129 रन बना पाई थी.


फाइनल मैच से पूर्व RPS की बल्लेबाजी जबरदस्त लय में चल रही थी. मगर जब फाइनल का समय आया तब अजिंक्य रहाणे और स्टीव स्मिथ की पारियों ने टीम को अच्छी स्थिति में ला खड़ा किया था. रहाणे ने 44 और स्मिथ ने 51 रन बनाए, लेकिन उनका बैटिंग स्ट्राइक आगे चलकर RPS टीम पर हावी साबित हुआ. राइजिंग पुणे सुपर जायंट्स का लोवर मिडिल ऑर्डर पूरी तरह फिसड्डी साबित हुआ. आखिरी ओवर में पुणे को जीत के लिए 11 रन बनाने थे, लेकिन सामने मिचेल जॉनसन गेंदबाजी कर रहे थे. पहली गेंद पर चौका आया, लेकिन दूसरी और तीसरी गेंद पर जॉनसन ने लगातार 2 विकेट झटके. आलम ये था कि पुणे को आखिरी गेंद पर जीत के लिए चार रन बनाने थे, लेकिन 2 रन भागने के बाद तीसरे रन पर वॉशिंग्टन सुंदर रन आउट हो गए थे. इस तरह से मुंबई इंडियंस ने एक रन से मैच जीतकर ट्रॉफी जीती थी.


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